नवरात्रि का पावन पर्व नौ दिन तक शक्ति, भक्ति और साधना का अद्भुत संगम होता है। देवी मां की पूजा, कलश स्थापना, हवन और आरती घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। लेकिन पूजा के बाद अक्सर लोग यह नहीं जानते कि बची हुई सामग्री का क्या करें। शास्त्रों में न केवल पूजा का महत्व बताया गया है, बल्कि पूजा में प्रयुक्त सामग्री का सही उपयोग भी लाभकारी माना गया है।
दीपक की बची बाती का उपयोग
नवरात्रि में जली हुई बातियों को फेंकना अशुभ माना जाता है। इन्हें इकट्ठा करके आखिरी दिन थोड़ा घी, कपूर और लौंग मिलाकर धूप की तरह जलाएं। इसे घर के कोनों में घुमाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। बची राख को पौधों में डालना भी लाभकारी है। ज्योतिष अनुसार यह भभूत नजर दोष और बुरी शक्तियों से सुरक्षा करती है।
फूल और माला का सही विसर्जन
पूजा में अर्पित फूल और माला सिर्फ सजावट नहीं बल्कि देवी की ऊर्जा होती है। इन फूलों को गमलों या पौधों की मिट्टी में दबा दें, ताकि वे प्राकृतिक रूप में लौट सकें। कुछ विशेष फूल पूजा घर या तिजोरी में रख सकते हैं, इन्हें शुभता का प्रतीक माना जाता है। फूलों को नाली या कचरे में फेंकना धार्मिक दृष्टि से अनुचित है।
घट स्थापना और कलश की सामग्री
कलश में रखा जल पवित्र होता है। इसे घर के मुख्य द्वार, आंगन या कोनों में छिड़कें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। बचा हुआ जल पौधों में डालें। कलश में रखे सिक्कों को लाल कपड़े में बांधकर पूजन स्थान या तिजोरी में रखें, यह धन-लाभ का प्रतीक है।
नारियल का सही उपयोग
नवरात्रि में अर्पित नारियल शुभ और पवित्र माना जाता है। ताजा नारियल प्रसाद के रूप में परिजनों और पड़ोसियों में बांटें। सूखा नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें या पूजा स्थान पर रखें। यदि नारियल सड़ गया हो, तो इसे धरती में दबा दें। मान्यता है कि ऐसा नारियल संकटों को अपने ऊपर ले लेता है।
माता की चुनरी का सदुपयोग
माता रानी की लाल चुनरी को कभी फेंकना नहीं चाहिए। इसे मंदिर, पूजा घर, तिजोरी या वाहन पर बांध सकते हैं। अगली पूजा या व्रत में इसे ओढ़ने से आशीर्वाद बना रहता है।
पूजा के वस्त्रों का उपयोग
नवरात्रि के दौरान पहने गए या देवी को अर्पित किए गए वस्त्रों को धोकर भविष्य में धार्मिक आयोजनों में पुनः उपयोग करें। चाहें तो इन्हें जरूरतमंदों को दान भी कर सकते हैं। ऐसे वस्त्र कभी कचरे में न जाएं।
पूजा की सामग्री देवी मां को अर्पित होती है, इसलिए उसका सम्मान करना आवश्यक है। नवरात्रि के बाद इसे सही ढंग से उपयोग करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और देवी मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।