सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में फ्रंटलाइन अधिकारियों और निदेशक प्रभारी के बीच सीधे संवाद और सुझाव साझा करने के उद्देश्य से ‘प्रत्यक्ष संवाद – शेपिंग ग्रोथ थ्रू डायरेक्ट कम्युनिकेशन’ शीर्षक के अंतर्गत एक संवाद सत्र का आयोजन 27 सितम्बर 2025 को भिलाई निवास में किया गया। इस अवसर पर ई-0 (जूनियर मैनेजर्स) से लेकर ई-5 (सहायक महाप्रबंधक) स्तर तक के लगभग 110 फ्रंटलाइन अधिकारियों ने भाग लिया और संयंत्र की प्रगति, कार्यप्रणालियों और चुनौतियों पर खुले विचारों का आदान-प्रदान किया।
संवाद सत्र में निदेशक प्रभारी, भिलाई इस्पात संयंत्र श्री चित्त रंजन महापात्र ने उपस्थित अधिकारियों से संवाद कर उनकी कार्यस्थल चुनौतियों सम्बंधित सुझावों और अपेक्षाओं को सुना। चर्चाओं में सहयोग की भावना को मजबूत बनाने, साथ ही प्रदर्शन सुधार हेतु व्यावहारिक कदमों की पहचान जैसे विषय भी प्रमुख रहे। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) श्री प्रवीण निगम भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत उप प्रबंधक (जनसंपर्क) सुश्री शालिनी चौरसिया द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र की उत्पादन उपलब्धियों, वर्तमान परिदृश्य और चुनौतियों पर प्रस्तुति से हुई। इसके उपरान्त कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) श्री प्रवीण निगम ने संयंत्र की वित्तीय स्थिति, उत्पादन पर लागत कारकों के प्रभाव, लाभप्रदता बढ़ाने की रणनीतियों और भावी योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
मुख्य सत्र के दौरान उपस्थित फ्रंटलाइन अधिकारियों ने संचालन, अनुरक्षण, कच्चे माल की उपलब्धता, सुरक्षा जागरूकता, ठेका श्रमिक व्यवस्था, बजट अनुपालन, मशीन ब्रेकडाउन और कर्मचारियों हेतु उत्तम प्रशिक्षण जैसे विषयों पर अपना वक्तव्य और सुझाव रखे। अधिकारियों ने कार्यकुशलता बढ़ाने, सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने, कार्यस्थल की स्वच्छता मानकों को ऊँचा उठाने और डिजिटलीकरण अपनाने जैसी उपयोगी सुझाव एवं अनुशंसाएँ भी प्रस्तुत कीं। इन बिंदुओं पर निदेशक प्रभारी श्री महापात्र ने विस्तार से विचार साझा करते हुए अधिकारियों को सहयोगी दृष्टिकोण अपनाने और नवोन्मेषी उपायों को कार्यान्वित करने के लिए प्रेरित किया।
फ्रंटलाइन अधिकारियों ने इस ‘प्रत्यक्ष संवाद’ की पहल के लिए निदेशक प्रभारी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह मंच आपसी विश्वास, जुड़ाव और परस्पर सम्मान को मजबूत करता है। उनका मानना था कि प्रत्यक्ष संवाद जैसी पहलें न केवल समस्याओं के समाधान को आसान बनाती हैं बल्कि साझा दृष्टि के निर्माण और संगठनात्मक प्रगति के लिए सभी को प्रेरित भी करती हैं। उन्होंने इस पहल को समावेशी संस्कृति की दिशा में सार्थक कदम बताया।
अपने उद्बोधन में निदेशक प्रभारी श्री चित्त रंजन महापात्र ने अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और उनके सार्थक सुझावों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रस्तुत विचार व्यावहारिक और लागू करने योग्य हैं। उन्होंने सभी को शिकायत से परे परिवर्तनकारी सोच अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा—“हमें अपने दृष्टिकोण को बदलते हुए संगठन में वही परिवर्तन लाना होगा जिसकी अपेक्षा हम करते हैं। प्रत्येक अधिकारी को अपनी विशिष्टता और अनुभव का भरपूर उपयोग करते हुए संयंत्र और सेल को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में योगदान देना चाहिए।” श्री महापात्र ने फ्रंटलाइन अधिकारियों से अन्य सेल इकाइयों और निजी उद्योगों की कार्यशैली का अध्ययन करने तथा वहाँ की सर्वोत्तम प्रथाओं को नवाचार के साथ बीएसपी में अपनाने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) श्री प्रवीण निगम ने अधिकारियों को टीम भावना से काम करने और संयंत्र व कार्यालय दोनों स्थानों पर सुरक्षा मानकों के कठोर अनुपालन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में अनुशासन और संचालन में जवाबदेही दीर्घकालिक सफलता की नींव हैं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में महाप्रबंधक (सम्पर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क) श्री अमूल्य प्रियदर्शी ने स्वागत भाषण देते हुए इस पहल के महत्व पर प्रकाश डाला व सत्र की समाप्ती पर धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (जनसंपर्क) सुश्री शालिनी चौरसिया ने किया।
उल्लेखनीय है कि ‘प्रत्यक्ष संवाद – शेपिंग ग्रोथ थ्रू डायरेक्ट कम्युनिकेशन’ यह पहला संवाद सत्र था, व इस पहल के अंतर्गत भविष्य में भी ऐसे सत्र आयोजित किये जायेंगे।