भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को उसका नया अध्यक्ष मिल गया है। रविवार को मुंबई में हुई BCCI की वार्षिक आमसभा (AGM) में पूर्व डोमेस्टिक क्रिकेटर मिथुन मन्हास निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए गए।
खास बात यह है कि मन्हास बोर्ड के पहले ऐसे अध्यक्ष बने हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन घरेलू स्तर पर शानदार रिकॉर्ड और मजबूत प्रशासकीय अनुभव के दम पर शीर्ष पद तक पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने X पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा – “मिथुन मन्हास आधिकारिक रूप से BCCI अध्यक्ष बन गए हैं।”
क्रिकेट करियर की झलक
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जम्मू-कश्मीर की अंडर-15, 16 और 19 टीमों से खेला।
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साल 1995 में बने देश के हाईएस्ट अंडर-19 रन स्कोरर (750 रन)।
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दिल्ली रणजी टीम में डेब्यू (1997), बाद में कप्तानी करते हुए 2007-08 रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया।
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IPL में दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स और चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा रहे।
क्रिकेट से कोचिंग और फिर प्रशासन तक
2017 में संन्यास के बाद IPL फ्रेंचाइज़ियों किंग्स इलेवन पंजाब, RCB और गुजरात टाइटंस के साथ कोचिंग स्टाफ में जुड़े।
2023 में बने J&K क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेट ऑपरेशन्स डायरेक्टर, जहां उन्होंने स्थानीय क्रिकेट संरचना को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
BCCI अध्यक्ष पद का महत्व
2019 में BCCI संविधान संशोधन के बाद यह तय हुआ कि बोर्ड का नेतृत्व किसी क्रिकेटर को करना चाहिए। मन्हास का अध्यक्ष चुना जाना इसी सोच का नतीजा है। इससे पहले सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी इस पद पर रह चुके हैं।
मन्हास का अध्यक्ष पद तक पहुंचना इस बात का सबूत है कि कड़ी मेहनत, घरेलू क्रिकेट का अनुभव और खेल के प्रति समर्पण ही भारतीय क्रिकेट प्रशासन में नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।