गाज़ा युद्ध पर मोदी का बड़ा बयान – ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना को भारत का समर्थन

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नई दिल्ली। गाज़ा में लगभग दो साल से जारी खून-खराबे और संघर्ष के बीच अब शांति की एक नई उम्मीद जगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपनी 20-सूत्रीय शांति योजना पेश की, जिसका भारत ने खुलकर समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “स्थायी शांति और विकास का व्यावहारिक रास्ता” बताते हुए सभी पक्षों से इस पहल को स्वीकार करने की अपील की।

मोदी ने एक्स (X) पर लिखा –
“हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक योजना का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनियों और इज़राइलियों दोनों के लिए शांति, सुरक्षा और विकास का नया रास्ता दिखाती है। उम्मीद है कि सभी पक्ष इस पहल का समर्थन करेंगे और स्थायी समाधान की ओर बढ़ेंगे।”


ट्रंप की शांति योजना के 20 सूत्र – मुख्य बातें

  1. अगर हमास सहमत होता है तो युद्ध तुरंत बंद होगा।

  2. 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों को रिहा करना होगा।

  3. गाज़ा में अस्थायी प्रशासन बनेगा, जिसकी देखरेख “इंटरनेशनल पीस बोर्ड” करेगा।

  4. इस बोर्ड की अध्यक्षता ट्रंप करेंगे और इसमें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी होंगे।

  5. इज़राइल को गाज़ा पर कब्जा करने से रोका जाएगा।

  6. हिंसा छोड़ने वाले हमास सदस्यों को माफी और सुरक्षित रूप से विदेश जाने का मौका मिलेगा।

  7. गाज़ा की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय बल तैनात होंगे।

  8. नई फिलिस्तीनी पुलिस को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से प्रशिक्षण मिलेगा।

यह योजना बाकी बिंदुओं में गाज़ा की पुनर्निर्माण प्रक्रिया, मानवीय सहायता और क्षेत्रीय शांति सहयोग पर भी ज़ोर देती है।


नेतन्याहू और ट्रंप की सख्त चेतावनी

इस पहल पर इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा –
“अगर हमास ने इस योजना को ठुकराया, तो इज़राइल मिशन पूरा करने के लिए तैयार है।”

वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी –
“अगर शांति योजना खारिज की गई, तो इज़राइल को अमेरिका का पूरा समर्थन मिलेगा।”


गाज़ा की मौजूदा स्थिति

लेकिन ज़मीनी हालात अभी भी बेहद गंभीर हैं। गाज़ा के डॉक्टरों के मुताबिक, सिर्फ सोमवार को ही 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इज़राइली सेना गाज़ा शहर के भीतर और गहराई तक पहुँच चुकी है। इस माहौल में ट्रंप की शांति योजना को बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन इसका भविष्य सभी पक्षों के सहयोग और सहमति पर ही टिका है।

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