छत्तीसगढ़ में आगामी चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने मंगलवार को मुंगेली को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभी जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान गरज-चमक के साथ तेज बारिश, आंधी और बिजली गिरने का खतरा है।
बीते 24 घंटों में प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश छुईखदान में दर्ज की गई, जहां 30 मिमी पानी बरसा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 1 अक्टूबर को उत्तर बंगाल की खाड़ी और आसपास के मध्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र में लो प्रेशर एरिया बन सकता है, जिससे बारिश और तेज होगी।
अब तक प्रदेश में औसत बारिश 1163.8 मिमी दर्ज की गई है। सबसे कम बारिश बेमेतरा में 519.1 मिमी रही, जो सामान्य से लगभग 50% कम है। वहीं, बलरामपुर में सबसे अधिक 1517 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 52% अधिक है। बस्तर, राजनांदगांव और रायगढ़ में वर्षा सामान्य स्तर के आसपास रही।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की वापसी रेखा गुजरात से उत्तर प्रदेश तक सक्रिय है। दक्षिण ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बना दबाव अगले 24 घंटों में कमजोर होकर लो प्रेशर एरिया में बदल सकता है।
बिजली गिरने का विज्ञान:
बादलों में मौजूद पानी और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बनते हैं। जब विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो बिजली उत्पन्न होती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों में रहती है, लेकिन कभी-कभी यह धरती तक पहुँच जाती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान कंडक्टर का काम करते हैं। इनके पास होने पर व्यक्ति बिजली की चपेट में आ सकता है।
कीवर्ड्स: छत्तीसगढ़ मौसम अपडेट, यलो अलर्ट, तेज बारिश चेतावनी, आंधी-तूफान, बिजली गिरने का खतरा, मानसून 2025, बेमेतरा बारिश, बलरामपुर बारिश रिकॉर्ड