नवरात्रि का पावन उत्सव पूरे श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों, घरों और झांकियों में माता की आराधना जोर-शोर से जारी है। आज मंगलवार को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी, जो नवरात्रि का आठवां दिन है। इस दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की विशेष पूजा होती है। घरों में कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। साथ ही, शोभन योग के प्रभाव से यह दिन खरीदारी और नए कार्य शुरू करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
मां महागौरी का स्वरूप और महत्व
चामुंडा दरबार के पं. रामजीवन दुबे के अनुसार, मां महागौरी को शिवा भी कहा जाता है। आठ वर्ष की आयु में ही उन्हें अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का ज्ञान हो गया था। तब से ही उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या शुरू कर दी थी। यही कारण है कि अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा विशेष विधि से की जाती है।
मां महागौरी का स्वरूप बहुत ही मनमोहक और श्वेत वर्ण वाली है। वे सफेद वस्त्र पहनती हैं और चार हाथों में त्रिशूल, डमरू, वरमुद्रा और गृहस्थ जीवन की शक्ति लिए रहती हैं। वे संगीत और गायन में रुचि रखती हैं और सफेद बैल पर सवार रहती हैं। उनकी उपासना से भक्तों के पाप नष्ट होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पूजा विधि
-
प्रतिमा स्थापना: मां की मूर्ति या चित्र को लकड़ी की चौकी पर रखें।
-
पंचोपचार पूजा: पुष्पमाला अर्पित करें, देसी घी का दीपक और धूप जलाएं।
-
प्रसाद अर्पण: प्रसाद चढ़ाएं और मन को ध्यान में लगाएं।
-
मंत्र जाप: “ऊं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्दै, महागौरी देव्यै नमः” मंत्र का जाप श्रद्धापूर्वक करें।
कन्या पूजा और भंडारा
अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नन्हीं कन्याओं को माता का स्वरूप मानकर भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। कई स्थानों पर भंडारे का आयोजन भी होता है। पं. रामजीवन दुबे के अनुसार, मंगलवार को महाआरती और हवन का आयोजन होगा, जो बुधवार तक जारी रहेगा।
नवमी के दिन कन्या भोज, देवी पाठ, व्रत परायण और जवारों का विसर्जन किया जाएगा। गुरुवार को दशहरा के अवसर पर चल समारोह और दुर्गा विसर्जन के साथ मां की विदाई होगी।
शुभ खरीदारी का अवसर
शोभन योग के कारण महाअष्टमी का दिन खरीदारी और नए कार्य शुरू करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वाहन, आभूषण, वस्त्र या अन्य आवश्यक चीजों की इस दिन खरीदारी से समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।
महाअष्टमी क्यों खास है?
महाअष्टमी नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण दिन है, जो भक्ति, शक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। मां महागौरी की पूजा से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में समृद्धि आती है। कन्या पूजन और भंडारे से सामाजिक एकता और परोपकार की भावना भी मजबूत होती है।