हरियाणा में अवैध गर्भपात और घटते लिंगानुपात के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई अब राज्य की सीमाओं से बाहर तक पहुँच चुकी है। विभाग ने ‘रिवर्स ट्रैकिंग’ तकनीक का इस्तेमाल करते हुए दो महिलाओं के गर्भपात के मामले उजागर किए, जो उत्तर प्रदेश के केंद्रों में कराए गए थे। इसके बाद करनाल में दोनों मामलों पर FIR दर्ज की गई और पुलिस गहन जांच कर रही है।
महिलाओं की यात्रा
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई अवैध गर्भपात केंद्रों की पहचान के लिए चल रहे निगरानी अभियान का हिस्सा है। डेली मॉनिटरिंग के दौरान दो महिलाओं की पहचान हुई, जिन्होंने अपने परिवार को बताया कि पुंडरक गांव की महिला सहारनपुर गई थी जबकि दूसरी महिला शामली पहुंची। रिवर्स ट्रैकिंग तकनीक ने गर्भधारण का चिकित्सकीय समापन अधिनियम (MTP Act) के उल्लंघन को रोकने में मदद की।
इस साल अब तक 8 FIR दर्ज
अवैध लिंग निर्धारण और गर्भपात के खिलाफ इस अभियान के तहत इस साल अब तक कुल 8 FIR दर्ज की गई हैं। इनमें से सात FIR MTP एक्ट के तहत और एक FIR PC-PNDT एक्ट के तहत दर्ज की गई। विभाग विशेष निगरानी रख रहा है कि महिलाएं हरियाणा से बाहर जाकर अवैध गर्भपात या लिंग चयन के लिए न जाएँ। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि विभाग अब अंतरराज्यीय नेटवर्क पर कड़ी निगरानी कर रहा है।
20 हजार महिलाओं पर विशेष नजर
हरियाणा का घटता लिंगानुपात इस सख्ती का मुख्य कारण है। 2024 में लिंगानुपात 907 था जो अब गिरकर 905 रह गया है। इसका मतलब है कि 1000 लड़कों के जन्म पर केवल 905 लड़कियां जन्म ले रही हैं।
लिंगानुपात सुधारने के लिए सरकार ने गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया। इसके तहत 20 हजार से अधिक महिलाओं की पहचान की गई, जिनके पास पहले से लड़का संतान नहीं है। अब विभाग इन सभी महिलाओं पर विशेष निगरानी रख रहा है ताकि उन्हें लिंग चयन या अवैध गर्भपात के लिए मजबूर न किया जा सके।
आशा और आंगनबाड़ी वर्करों की भूमिका
इस रणनीति को सफल बनाने में आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्कर की अहम भूमिका है। इनका काम उन महिलाओं की पहचान करना है जिनके पास पहले से लड़का संतान नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18,000 आशा वर्करों ने 1.80 करोड़ आबादी को कवर किया। शहरी स्लम क्षेत्रों में 2,905 आशा वर्करों ने 72.62 लाख आबादी को मॉनिटर किया।
इस तरह मिलकर लगभग 2.53 करोड़ लोगों की निगरानी की गई, जिससे घटते लिंगानुपात को सुधारने और बेटियों के सुरक्षित जन्म को सुनिश्चित करने में मदद मिली। रिवर्स ट्रैकिंग और जमीनी निगरानी की यह रणनीति हरियाणा में लिंगानुपात सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।