जांजगीर-चांपा जिले में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव वर्ष ‘सेवा पखवाड़ा 2025’ के तहत अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया। जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग ने ऑडिटोरियम में सीनियर नागरिकों को सम्मानित करने के लिए यह समारोह रखा था।
इस अवसर पर विधायक ब्यास कश्यप ने वरिष्ठ जनों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में वरिष्ठों के सम्मान की परंपरा पर जोर दिया और बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 1 अक्टूबर 1991 से यह दिवस मनाया जा रहा है, ताकि वरिष्ठजनों के सम्मान और सुरक्षा पर ध्यान दिया जा सके।
समाज और परिवार की नींव है बुजुर्ग- विधायक
विधायक कश्यप ने कहा कि बुजुर्ग केवल उम्र में बड़े नहीं होते, बल्कि वे ज्ञान, अनुभव और संस्कारों के प्रतीक होते हैं। समाज का दायित्व है कि उन्हें उचित सम्मान मिले और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए। पूर्व विधायक अंबेश जांगड़े ने भी कहा कि यह दिन वरिष्ठजनों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है, क्योंकि वे समाज और परिवार की नींव होते हैं।
कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस केवल सम्मान का दिन नहीं, बल्कि समाज को यह याद दिलाने का अवसर है कि बुजुर्ग घर की नींव नहीं, बल्कि समाज की जड़ें हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उत्तरदायित्व है कि हम उन्हें सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान प्रदान करें।
शाल-श्रीफल भेंट कर किया सम्मानित
इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद कमला देवी पाटले और नगरपालिका अध्यक्ष रेखा देवा गढ़ेवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आए वरिष्ठ नागरिकों को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
समारोह में जरूरतमंद सीनियर नागरिकों को सहायक उपकरण, व्हीलचेयर और ट्राइसाइकिल भी वितरित किए गए। इसके साथ ही, एक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने वरिष्ठजनों की स्वास्थ्य जांच कर परामर्श दिया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 की जानकारी भी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत वरिष्ठजनों के अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए शासन प्रतिबद्ध है।