भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह हर चुनौती को पार करने का दम रखती हैं। चोटों और लगातार संघर्षों से गुजरने के बावजूद उन्होंने नॉर्वे के फोर्डे में आयोजित विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2025 में शानदार वापसी करते हुए महिला 48 किग्रा वर्ग में रजत पदक अपने नाम किया।
यह मीराबाई का इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में तीसरा मेडल है। इससे पहले वह 2017 में विश्व चैंपियन बनी थीं और 2022 में रजत पदक जीत चुकी हैं।
️♀️ 199 किलो भार उठाकर रचा इतिहास
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चानू ने कुल 199 किग्रा वजन (84 किग्रा स्नैच + 115 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाया।
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स्नैच में वह 87 किग्रा के प्रयास में दो बार असफल रहीं, लेकिन तीसरे प्रयास में 84 किग्रा उठाकर पारी संभाली।
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इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उन्होंने शानदार वापसी की और 109 किग्रा, 112 किग्रा और 115 किग्रा तीनों प्रयासों में सफलता हासिल की।
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उनका प्रदर्शन देखकर दर्शकों को टोक्यो ओलंपिक 2021 की याद आ गई, जहां उन्होंने 115 किग्रा उठाकर भारत को ऐतिहासिक रजत दिलाया था।
मुकाबले के नतीजे
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स्वर्ण पदक – रि सोंग गुम (उत्तर कोरिया) – 213 किग्रा (नया विश्व रिकॉर्ड)
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रजत पदक – मीराबाई चानू (भारत) – 199 किग्रा
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कांस्य पदक – थनयाथोन सुक्चारो (थाईलैंड) – 198 किग्रा
कोच का मिशन और चानू का भविष्य
भारतीय टीम के मुख्य कोच विजय शर्मा का कहना है कि लक्ष्य मीराबाई को फिर से 200 किग्रा के आंकड़े से आगे ले जाना है। इस बार वह 199 किग्रा तक पहुंचीं, लेकिन यह उनकी फिटनेस और आत्मविश्वास की वापसी का साफ संकेत है।
चानू का यह प्रदर्शन आने वाले पेरिस ओलंपिक 2028 की तैयारियों के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है।
मीराबाई – भारत की सबसे बड़ी उम्मीद
मीराबाई का करियर लगातार चोटों और मुश्किलों से जूझते हुए भी कभी थमा नहीं है। उनका यह रजत पदक इस बात का सबूत है कि वह आज भी विश्व वेटलिफ्टिंग में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद बनी हुई हैं।