छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश का असर अब जलाशयों पर साफ दिखने लगा है। धमतरी जिले का गंगरेल बांध इस मॉनसून में पहली बार पूरी क्षमता (100% जलभराव) तक भर चुका है।
बांध प्रबंधन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 6 गेट खोलकर 27,000 क्यूसेक पानी छोड़ा है। पानी की इतनी बड़ी मात्रा छोड़ने के चलते महानदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
️ आवक और जावक बराबर
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फिलहाल गंगरेल बांध में जितना पानी छोड़ा जा रहा है, उतनी ही मात्रा में 27,000 क्यूसेक पानी की आवक भी हो रही है।
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जलाशय के 100% भर जाने से न सिर्फ किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, बल्कि आसपास के गांवों में भी खुशी की लहर है।
बारिश से जलस्तर में तेजी
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जुलाई से गंगरेल बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था।
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पिछले चार दिनों की भारी बारिश ने इसका जलस्तर 3% और बढ़ा दिया।
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जहां जुलाई में बांध 53% भरा था, अब वह 56% से सीधे 100% पर पहुंच गया है।
अन्य बांधों की स्थिति (जुलाई तक)
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माडमसिल्ली बांध – 25.59%
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सोंढुर बांध – 27.94%
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दुधावा बांध – 22.75%
इन सभी बांधों को पूरी क्षमता तक भरने के लिए अब भी लगातार बारिश की जरूरत है।
कुल मिलाकर, गंगरेल बांध के लबालब होने से छत्तीसगढ़ में खेती और पेयजल दोनों की चिंता काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन महानदी किनारे बाढ़ जैसे हालात से बचने के लिए प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।