क्या है हेबियस कॉर्पस?
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हेबियस कॉर्पस लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है – “शरीर को सामने लाओ।”
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संविधान के अनुच्छेद 32 और 226 के तहत कोई भी व्यक्ति या उसका परिवार कोर्ट से अपील कर सकता है कि अगर किसी को गैर-कानूनी तरीके से कैद किया गया है तो उसे तुरंत अदालत में पेश किया जाए।
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कोर्ट फिर पुलिस/प्रशासन से डिटेंशन का पूरा कारण मांग सकता है।
लेह हिंसा और गिरफ्तारी का पृष्ठभूमि
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24 सितंबर की लेह हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई थी।
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इस मामले में 56 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
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2 अक्टूबर को 26 लोगों को रिहा कर दिया गया, जबकि 30 अभी भी जेल में हैं।
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प्रशासन ने वांगचुक को “हिंसा भड़काने वाला” बताकर NSA लगाया है।
️ पत्नी का आरोप – “यह राजनीतिक विच हंट”
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अंगमो ने X (Twitter) पर लिखा – “भारत सचमुच आज़ाद है? अंग्रेजों की तरह ही अब कुछ अफसर और 2400 पुलिसकर्मी 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार कर रहे हैं।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई शीर्ष नेताओं को पत्र लिखकर बिना शर्त रिहाई की मांग की।
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उनका कहना है कि वांगचुक हमेशा गांधीवादी तरीके से आंदोलन करते हैं और किसी भी रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हो सकते।
लेह में हालात
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9 दिन बाद लेह में कर्फ्यू में ढील दी गई है।
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अब दुकानें सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुल रही हैं।
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स्कूल और मिनी बस सेवाएं भी दोबारा शुरू हो गई हैं।
कुल मिलाकर, सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर तकरार बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका अब यह तय करेगी कि उनकी नजरबंदी सही है या गैर-कानूनी।