पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। मिरिक इलाके में भूस्खलन की चपेट में आकर कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। वहीं, दुदिया का लौह पुल ढह जाने से कई पर्यटन स्थल और गांव मुख्य मार्ग से कट गए हैं।
सड़कें बंद, यातायात ठप
बारिश के चलते दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। कुर्सियांग के पास नेशनल हाइवे-110 पर हुसैन खोला क्षेत्र में सड़कें कीचड़ और मलबे से पट गई हैं। कई गांवों से राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सड़कों पर जमा मलबे और टूटे पुल की भयावह तस्वीरें दिखा रहे हैं।
दुदिया पुल ढहने से राहत कार्य में रुकावट
भूस्खलन से प्रभावित इलाकों तक पहुंचना दुदिया पुल गिरने के बाद और मुश्किल हो गया है। बचाव और राहत दल लगातार मलबा हटाने और संपर्क बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश इन कार्यों में बाधा डाल रही है।
IMD का रेड अलर्ट – भारी बारिश का अंदेशा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों में रविवार सुबह तक रेड अलर्ट घोषित किया है।
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विभाग के अनुसार, झारखंड के पश्चिमी हिस्से, दक्षिण बिहार और उत्तर छत्तीसगढ़ में बना निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है।
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यह सिस्टम शनिवार शाम तक कमजोर पड़ सकता है, लेकिन तब तक कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका बनी हुई है।
दक्षिण बंगाल में भी भारी बारिश का अनुमान
IMD ने कहा है कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। वहीं मुर्शिदाबाद, बीरभूम और नादिया जिलों में भारी बारिश दर्ज की जा सकती है। शनिवार सुबह 8:30 बजे तक बांकुरा में 65.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
प्रशासन की अपील
प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार सड़कें साफ करने, मलबा हटाने और राहत पहुंचाने में जुटी हैं। हालांकि मौसम की स्थिति कार्यों को कठिन बना रही है।
लोगों और पर्यटकों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और बिना जरूरत यात्रा न करें।
दार्जिलिंग और उत्तरी बंगाल के जिलों में अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं। प्रशासन ने सभी से एहतियात बरतने और मौसम विभाग की चेतावनी का पालन करने की अपील की है।