मणिपुर में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। साथ ही, जबरन वसूली और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल छह उग्रवादियों को भी अलग-अलग जगहों से गिरफ़्तार किया गया है।
कांगपोकपी से बरामद हथियार
शनिवार को कांगपोकपी जिले के कोटजिम इलाके से सुरक्षा बलों को कई खतरनाक हथियार मिले, जिनमें शामिल हैं:
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एक हेकलर एंड कोच राइफल (मैगजीन सहित)
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दो बोल्ट-एक्शन राइफल
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दो पुल मैकेनिज्म राइफल
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दो इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार
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दो हैंड ग्रेनेड
इंफाल पश्चिम में भी बड़ी बरामदगी
इंफाल पश्चिम जिले के कंगलाटोम्बी क्षेत्र से बरामद सामान:
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एक सब-मशीन गन
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एक .303 राइफल
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एक 9 मिमी पिस्तौल
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एक .32 पिस्तौल
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सात लोकल मेड बोल्ट-एक्शन राइफल
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बड़ी मात्रा में कारतूस और अन्य सामग्री
अलग-अलग जगहों से गिरफ्तारियां
सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में अभियान चलाकर छह उग्रवादियों को पकड़ा।
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इंफाल पूर्वी जिले से कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (PWG) के दो कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए। दोनों पर अस्पतालों, सरकारी अधिकारियों और आम जनता से जबरन वसूली करने का आरोप है।
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इंफाल पश्चिम जिले के चिंगमेइरोंग ममांग लेइकाई से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दो सदस्य पकड़े गए। ये लोग उधारी वसूली के मामलों में लोगों को धमकाकर मध्यस्थता भी करते थे। इनके पास से एक हैंडगन, मैगजीन और ₹1.26 लाख नकद बरामद किया गया।
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काकचिंग जिले के हियांगलाम माखा लेइकाई से एक और PLA कैडर को गिरफ्तार किया गया। वह संगठन के लिए युवाओं की भर्ती करता था।
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बिष्णुपुर जिले के इथाई वापोकपी में भी एक PLA सदस्य को पकड़ा गया।
मणिपुर की मौजूदा स्थिति
मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है। अब तक कम से कम 260 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। हालात बिगड़ने के चलते इस साल फरवरी में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
लगातार हथियार बरामदगी और गिरफ्तारियां इस बात का सबूत हैं कि मणिपुर में आतंकी संगठनों की सक्रियता अभी भी खत्म नहीं हुई है। सुरक्षा बल इन पर शिकंजा कसने में जुटे हैं।