‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ अभियान की शुरुआत
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुजरात से देशव्यापी वित्तीय जागरूकता अभियान ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ की शुरुआत की। इस मौके पर गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई मौजूद रहे, जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संदेश भेजकर शुभकामनाएं दीं।
सीतारमण ने कहा कि देशभर में करीब ₹1.82 लाख करोड़ अनक्लेम्ड फंड पड़ा है, जिसमें शामिल हैं:
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₹75,000 करोड़ बैंक डिपॉजिट
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₹14,000 करोड़ इंश्योरेंस
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₹3,000 करोड़ म्यूचुअल फंड
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₹9,000 करोड़ कंपनियों में
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₹19,000 करोड़ शेयरों में
उन्होंने बताया कि यह रकम गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के लिए बड़ी मदद साबित हो सकती है। वित्त मंत्री ने अभियान को तीन स्तंभों – जागरूकता, सुलभता और कार्रवाई – पर आधारित बताया।
टोल प्लाजा पर अब डिजिटल पेमेंट पर राहत
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल पेमेंट नियमों में बदलाव किया है।
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15 नवंबर से अगर कोई वाहन बिना फास्टैग टोल प्लाजा पर जाएगा तो:
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UPI/डिजिटल पेमेंट पर – सामान्य शुल्क का 1.25 गुना
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कैश पेमेंट पर – सामान्य शुल्क का 2 गुना
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पहले कैश और डिजिटल, दोनों तरीकों पर डबल चार्ज लगता था। नए नियमों से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और टोल संचालन तेज़ होगा।
निफ्टी-50 F&O कॉन्ट्रैक्ट का लॉट साइज घटा
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने निफ्टी-50 फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) कॉन्ट्रैक्ट्स का लॉट साइज बदल दिया है।
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निफ्टी-50: 75 से घटाकर 65
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बैंक निफ्टी: 35 से घटाकर 30
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निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज: 65 से घटाकर 60
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निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट: 140 से घटाकर 120
ये बदलाव 30 दिसंबर के बाद खत्म होने वाले कॉन्ट्रैक्ट्स पर लागू होंगे।
बीमा वितरकों की कमाई पर असर
सरकार ने पर्सनल पॉलिसियों पर जीएसटी हटाते हुए आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) वापस ले लिया है।
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इससे बीमा कंपनियां अब वितरकों को कम कमीशन दे रही हैं।
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कमीशन में लगभग 18% तक की गिरावट आई है।
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जैसे पहले ₹1000 का कमीशन मिलता था, अब ₹847 ही मिल रहा है।
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इसका सीधा असर हेल्थ इंश्योरेंस एजेंट्स और लाइफ इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर्स पर पड़ा है।
स्वास्थ्य बीमा का सालाना कारोबार 40-50 हजार करोड़ का है। अनुमान है कि इस बदलाव से करीब ₹1,800 करोड़ का नुकसान वितरकों को होगा।
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
बीमा कंपनियां तो जीएसटी में कटौती का लाभ ग्राहकों को दे रही हैं, लेकिन आईटीसी के नुकसान की भरपाई के लिए:
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एजेंट्स के कमीशन घटा रही हैं
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प्रीमियम दरें बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है
2023-24 में बीमा कंपनियों ने कुल ₹24,000 करोड़ जीएसटी भरा था, जिसमें से ₹14,000 करोड़ ITC के रूप में मिला था। अब यह फायदा खत्म हो गया है, जिससे कंपनियों पर लगभग ₹15,000 करोड़ का बोझ पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, इन बदलावों का असर सरकार की पारदर्शिता और डिजिटलाइजेशन की पहल को मजबूत करेगा, लेकिन बीमा एजेंट्स और वितरकों के लिए यह कठिन चुनौती साबित हो सकती है।