पटना। बिहार की सियासत में अब चुनावी बिगुल बजने ही वाला है। चुनाव आयोग आज सोमवार 6 अक्टूबर की शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। राज्य की 243 सीटों पर इस बार मतदान अक्टूबर और नवंबर के बीच होने की संभावना है। माना जा रहा है कि 2020 की तरह इस बार भी चुनाव 2 से 3 चरणों में कराए जाएंगे।
हाल ही में आयोग की टीम ने 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा कर चुनावी तैयारियों की बारीकी से समीक्षा की। विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान (SIR) के बाद लाखों नए वोटर जुड़ चुके हैं।
राजनीतिक दलों की मांग
भाजपा, राजद और जदयू जैसे बड़े दलों ने आयोग से अपील की है कि चुनाव एक या दो चरणों में ही कराए जाएं, ताकि प्रशासनिक बोझ कम रहे। छठ पूजा के मद्देनजर दलों का कहना है कि त्योहारों के बाद मतदान कराया जाए, जब प्रवासी बिहारी अपने घर लौट आते हैं। इससे मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद होगी।
आयोग की 17 नई पहलें
इस बार का चुनाव कई मायनों में अलग होने वाला है। आयोग ने बिहार से शुरुआत करते हुए 17 बड़े सुधार लागू किए हैं, जो आगे देशभर के चुनावों का मॉडल बन सकते हैं।
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सभी मतदान केंद्रों पर 100% वेबकास्टिंग, ताकि रीयल-टाइम मॉनिटरिंग हो सके।
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ईवीएम पर अब उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और बड़े फॉन्ट में सीरियल नंबर होंगे।
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मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल जमा करने की व्यवस्था, जिससे कतारों में भीड़ न हो।
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हर बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही दर्ज होंगे।
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पोस्टल बैलेट की गिनती ईवीएम के अंतिम दो राउंड से पहले ही पूरी कर ली जाएगी।
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प्रत्याशी अपने एजेंट को बूथ से 100 मीटर की दूरी पर बैठा सकेंगे।
पारदर्शिता और सुरक्षा पर फोकस
आयोग का कहना है कि इन बदलावों से मतदान ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष होगा। मतदाताओं के लिए प्रक्रिया आसान बनेगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत नजर रखी जा सकेगी।
कब तक पूरे होंगे चुनाव?
आयोग ने साफ कर दिया है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी। अब निगाहें आज शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जब बिहार चुनाव की तारीखों पर से परदा उठ जाएगा।