भारत में इस समय सिर्फ राजनीति ही नहीं, तकनीक में भी ‘स्वदेशी क्रांति’ देखने को मिल रही है। विदेशी ईमेल और सॉफ्टवेयर पर भरोसा करने की बजाय अब देश अपने ही उत्पादों को अपनाने की ओर बढ़ रहा है। और इस ट्रेंड को सबसे बड़ा धक्का दिया है देश के गृह मंत्री अमित शाह ने।
जी हाँ, अमित शाह ने अपने आधिकारिक ईमेल को Zoho Mail पर शिफ्ट कर लिया है।
ट्रंप स्टाइल ऐलान
शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा:
“Hello everyone, I have switched to Zoho Mail. Kindly note the change in my email address.
Thank you for your kind attention to this matter.”
यानी बिल्कुल अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अंदाज़ में।
नतीजा? पोस्ट वायरल!
मीम्स की बरसात!
और Zoho का नाम पूरे देश में ट्रेंडिंग!
Zoho आखिर है क्या?
-
Zoho एक भारतीय कंपनी है, जिसे श्रीधर वेम्बु ने शुरू किया था।
-
यह क्लाउड-बेस्ड ईमेल, ऑफिस सूट और बिज़नेस टूल्स बनाती है।
-
इसकी सबसे बड़ी ताकत – डेटा भारत में ही स्टोर होता है।
-
मतलब, सिक्योरिटी और आत्मनिर्भरता – दोनों गारंटीड।
फाउंडर का इमोशनल जवाब
Zoho के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बु ने शाह को धन्यवाद देते हुए कहा:
“यह पल हमारे उन इंजीनियरों के लिए है जिन्होंने 20 साल तक भारत में रहकर इस सपने को बनाया। आज उनका भरोसा सही साबित हुआ।”
सरकारी मंत्रालयों में भी बढ़ रहा है असर
-
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही Zoho के ऑफिस सूट पर शिफ्ट हो चुके हैं।
-
शिक्षा मंत्रालय ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे Microsoft और Google की जगह Zoho इस्तेमाल करें।
-
धीरे-धीरे सरकारी विभागों में Zoho इंटीग्रेट किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
अमित शाह और अन्य मंत्रियों द्वारा Zoho अपनाना सिर्फ तकनीकी फैसला नहीं है, बल्कि यह एक पॉलिटिकल मैसेज भी है।
-
अमेरिका के 50% टैरिफ दबाव के बीच भारत अब विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता घटाना चाहता है।
-
Zoho जैसी कंपनियाँ भारत की डिजिटल स्वतंत्रता (Digital Independence) की रीढ़ बन रही हैं।
Bottom Line
अमित शाह का यह कदम केवल एक मेल बदलने का मामला नहीं है।
यह संदेश है –
“भारत अपनी टेक्नोलॉजी खुद बनाएगा, खुद इस्तेमाल करेगा और दुनिया को दिखाएगा कि हम किसी से कम नहीं।”