छत्तीसगढ़ के सक्ती ज़िले के डभरा स्थित RKM Power Plant में हुआ लिफ्ट हादसा अब बड़ा खुलासा बन गया है।
चार मजदूरों की दर्दनाक मौत,
छह गंभीर घायल,
और कंपनी प्रबंधन पर भारी लापरवाही के आरोप।
12 साल से नहीं हुई थी लिफ्ट की सर्विसिंग!
मजदूरों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसा अचानक नहीं, बल्कि “लापरवाही की इंतज़ार की हुई मौत” थी।
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पिछले 12 सालों से लिफ्ट की सर्विसिंग नहीं हुई थी।
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सेफ्टी बेल्ट, वायर और उपकरण जर्जर हालत में थे।
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मजदूर लगातार शिकायत कर रहे थे, लेकिन प्रबंधन ने कोई सुधार नहीं किया।
हादसे के बाद प्लांट का गेट बंद कर मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया गया। यही कारण है कि स्थानीय लोग अब खुलकर कह रहे हैं –
“यह हादसा नहीं, अपराध है।”
FIR दर्ज – 7 लोग नामजद
पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए—
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कंपनी के डायरेक्टर,
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मैनेजर,
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और ज़िम्मेदार अधिकारियों समेत 7 लोगों पर FIR दर्ज की।
धारा:
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BNS 2023 की धारा 106(1), 289 और 3(5) के तहत मामला दर्ज।
आरोप – लापरवाही, सुरक्षा नियमों का उल्लंघन और जान जोखिम में डालना।
IG की निगरानी में कार्रवाई
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IG संजीव शुक्ला और SP अंकिता शर्मा की निगरानी में FIR दर्ज हुई।
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कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए।
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30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया।
जांच में क्या-क्या होगा?
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हादसे की असली वजह – तकनीकी खराबी या मानवीय गलती?
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हादसे के समय कौन-कौन मजदूर काम कर रहे थे?
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औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने अब तक कितनी बार निरीक्षण किया और खामियां क्यों नहीं पकड़ी गईं?
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भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं रोकने के लिए क्या निवारक उपाय किए जाएं?
इन सभी सवालों के जवाब SDM डभरा को तलाशकर 30 दिन में रिपोर्ट देना है।
परिजनों का आक्रोश – मुआवज़ा और न्याय की मांग
हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवार अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते रहे।
उनकी मांग है—
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दोषियों को सख़्त सज़ा,
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और मृतकों के परिवार को उचित मुआवज़ा।
वहीं प्लांट प्रबंधन अब तक चुप्पी साधे बैठा है।
Bottom Line
RKM पावर-प्लांट हादसा सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक नेग्लिजेंस की कहानी है।
12 साल तक बिना सर्विसिंग के चलती लिफ्ट आखिरकार 4 मजदूरों की जान ले गई।
अब सवाल यह है—
क्या FIR और मजिस्ट्रियल जांच सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाएगी,
या फिर इस बार दोषियों को सचमुच सज़ा मिलेगी?