नई दिल्ली में चल रहे इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में भारत ने अपनी ताक़त दुनिया को दिखा दी है।
साल 2025 में अब तक 80,000 से ज्यादा पेटेंट फाइल हो चुके हैं।
2014 में यह संख्या सिर्फ 40,000 थी।
यानि 10 साल में पेटेंट फाइलिंग में 100% से भी ज्यादा की वृद्धि।
“इनोवेशन अब नेशनल मूवमेंट बन चुका है”
केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने कांग्रेस के मंच से कहा—
“भारत अब कुछ चुनिंदा लोगों का नहीं, बल्कि हर नागरिक का इनोवेशन हब बन रहा है।
हम आने वाले कल के इनोवेशन इंजनों को लोकतांत्रिक बना रहे हैं, ताकि वे हर भारतीय के लिए उपयोगी हों।”
भारत = दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
आज भारत में—
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1.9 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स सक्रिय हैं।
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टियर-3 शहरों में कोड लिखा जा रहा है।
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कॉलेज हॉस्टलों से नए-नए स्टार्टअप जन्म ले रहे हैं।
यही नया भारत है – जहां इनोवेशन अब विशेषाधिकार नहीं, बल्कि आदत बन गया है।
डिजिटल इंडिया = टेक्नोलॉजी की रीढ़
डॉ. शेखर ने भारत की डिजिटल क्रांति के आधार गिनाए—
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JAM Trinity – जनधन, आधार, मोबाइल
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900 मिलियन इंटरनेट यूजर्स
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UPI = 10 अरब मासिक लेनदेन
यानी भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि वैश्विक लीडर बन चुका है।
टेक आत्मनिर्भरता के बड़े उदाहरण
भारत ने हाल के वर्षों में कई ऐसे मील के पत्थर छुए हैं—
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चंद्रयान-3 मिशन
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स्वदेशी 4G/5G तकनीक
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मेड-इन-इंडिया MRI मशीन
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डिफेंस एक्सपोर्ट में 30 गुना वृद्धि
ये सभी उपलब्धियां भारत की टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता (Technological Self-Reliance) की गवाही देती हैं।
आर्थिक सुधारों में भी तकनीक का योगदान
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GST
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IBC (Insolvency & Bankruptcy Code)
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लेबर लॉ रिफॉर्म्स
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टैक्सेशन पॉलिसीज़ में पारदर्शिता
इन सुधारों ने भारत को एक निवेशक-अनुकूल और पारदर्शी अर्थव्यवस्था बना दिया है।
Bottom Line
IMC 2025 ने साफ कर दिया है कि भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि इनोवेशन-ड्रिवन इकॉनमी बन चुका है।
तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
पेटेंट फाइलिंग में 100% से ज्यादा वृद्धि
और डिजिटल इंडिया की लहर
यह वही भारत है जो आने वाले दशक में वैश्विक इनोवेशन पावरहाउस बनने की राह पर तेज़ी से बढ़ रहा है।