छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अब नई पुलिस व्यवस्था के साथ कदम रखने जा रही है। 1 नवंबर से पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होगी और इसके तहत रायपुर को अपना पहला पुलिस कमिश्नर मिलेगा, जो आईजी (Inspector General) स्तर के अधिकारी होंगे।
क्या है पूरा मामला?
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उच्च स्तरीय कमेटी ने कमिश्नरी सिस्टम का प्रारूप (Draft) तैयार कर डीजीपी अरुण देव गौतम को सौंप दिया है।
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अब विधि विभाग इसके कानूनी पहलुओं की जांच कर राज्य सरकार को अंतिम स्वीकृति देगा।
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संभावना है कि इसे राज्योत्सव (1 नवंबर) के मौके पर लॉन्च किया जाएगा।
किन राज्यों का हुआ अध्ययन?
रायपुर में लागू होने वाला यह मॉडल देश के कई बड़े शहरों की तर्ज पर तैयार किया गया है।
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दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, राजस्थान, ओडिशा और मध्यप्रदेश की पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था का अध्ययन किया गया।
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इनमें से भुवनेश्वर मॉडल को सबसे प्रभावी माना गया।
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रायपुर की पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में 60% प्रावधान भुवनेश्वर से और शेष 40% अन्य राज्यों से लिए गए हैं।
नई व्यवस्था में कौन-कौन होंगे अधिकारी?
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पुलिस कमिश्नर (IG स्तर) : रायपुर के शीर्ष पुलिस अधिकारी।
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डिप्टी कमिश्नर (DCP, SP स्तर) : रायपुर को 2-3 जोन में बांटा जाएगा और हर जोन में एक DCP होगा।
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एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर (DIG और SSP स्तर) : प्रशासनिक व फील्ड कंट्रोल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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DCP अपने-अपने क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण देखेंगे, जबकि सभी बड़े फैसले और ऑफिस वर्क कमिश्नरेट से होंगे।
️ मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
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सीएम विष्णुदेव साय ने 15 अगस्त को पुलिस कमिश्नरी लागू करने की घोषणा की थी।
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इसके बाद एडीजी प्रदीप गुप्ता की अगुवाई में 8 अफसरों की टीम बनी, जिसने तेजी से पूरा खाका तैयार कर लिया।
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शुरुआत में अनुमान था कि इसे बनाने में 4–5 महीने लगेंगे, लेकिन प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ी और अब यह व्यवस्था समय से पहले लागू हो रही है।
क्या बदलेगा रायपुर में?
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली आने के बाद रायपुर में पुलिस को अधिक अधिकार और तेज निर्णय क्षमता मिलेगी।
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ट्रैफिक प्रबंधन से लेकर कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण और अपराधियों पर कार्रवाई तक सबकुछ और मजबूत होगा।
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राजधानी में पब्लिक-फ्रेंडली पुलिसिंग को और बढ़ावा मिलेगा।
यह बदलाव न केवल पुलिस प्रशासन के लिए मील का पत्थर है बल्कि राजधानी रायपुर के लिए भी सुरक्षा और प्रशासनिक कुशलता का नया अध्याय साबित हो सकता है।