दुर्ग, 09 अक्टूबर 2025/ पैरालीगल वॉलेंटियर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक 08 अक्टूबर 2025 को जिला एवं सत्र न्यायालय के सभागार में आयोजित की गई। उक्त बैठक में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा पैरालीगल वॉलेंटियर्स को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे नालसा (आपदा पीड़ितों को विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक सेवाएं) योजना 2010, नालसा (तस्करी एवं वाणिजिक यौन शोषण के संबंध में विधिक सेवाएं) योजना 2015, नालसा (असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015, नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए) योजना 2015, नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015, नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन) योजना 2015, नालसा (आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन) योजना 2015, नालसा (नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015, नालसा (वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा) योजना 2016, नालसा (एसिड हमले के पीड़ितों के लिए विधिक सेवा) योजना 2016 आदि का सूक्ष्म अवलोकन कर गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कि पैरालीगल वॉलेंटियर्स न्याय तक पहुँच के सेतु हैं। इनकी सक्रियता और संवेदनशीलता ही विधिक सहायता की सफलता का आधार है। प्रत्येक पीएलवी को न केवल योजनाओं की गहन जानकारी रखनी चाहिए बल्कि विधिक सेवा हेतु पात्र समाज के प्रत्येक वर्ग तक विधिक सहायता पहुँचाने हेतु निष्ठा एवं उत्तरदायित्व के साथ कार्य करना चाहिए।
बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि पैरालीगल वॉलेंटियर्स ग्राम स्तर पर विधिक जागरूकता शिविर, विद्यालयों में विधिक साक्षरता कार्यक्रम तथा डोर टू डोर अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को निःशुल्क विधिक सहायता योजनाओं से अवगत कराएँ। उक्त संबंध में वे अपने कार्य की दैनिक एवं मासिक रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करें और सभी विधिक जागरूकता गतिविधियों की फोटो एवं वीडियो रिकॉर्ड भी संलग्न करें, ताकि कार्य की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। बैठक में पैरालीगल वॉलेंटियर्स को समाज सेवा के प्रति और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया। उक्त बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव भी उपस्थित रहे।