पश्चिम बंगाल में एक बार फिर भर्ती घोटाले को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह तड़के राज्य के अग्निशमन व आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस के घर, दफ्तर और उनसे जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी की। यही नहीं, एजेंसी ने राज्यभर में कुल 11 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
नगर पालिका भर्ती घोटाले से जुड़ा मामला
ईडी की यह कार्रवाई कथित नगर पालिका भर्ती घोटाले से जुड़ी है। आरोप है कि नगर पालिकाओं में विभिन्न पदों पर हुए भर्ती प्रोसेस में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। इस मामले की जांच पहले से ही सीबीआई और ईडी कर रही हैं।
दरअसल, शुरुआत स्कूल भर्ती घोटाले की जांच से हुई थी। उसी दौरान जांच एजेंसियों को नगर पालिका भर्ती में भी अनियमितताओं के सबूत मिले। ईडी ने आरोपी अयान सिल के यहां से ऐसे दस्तावेज बरामद किए थे, जिनसे साफ हुआ कि नगर पालिकाओं की भर्तियों में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
पहले भी हो चुकी है छापेमारी
इससे पहले ईडी मंत्री सुजीत बोस और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के परिसरों पर भी तलाशी ले चुकी है। अब नए इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई और आगे बढ़ाई गई है।
हाई कोर्ट की सख्ती
अप्रैल 2023 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को नगर पालिकाओं में भर्ती की अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद ईडी ने भी अपनी जांच तेज की। हाईकोर्ट का कहना था कि घोटाला केवल स्कूल शिक्षकों की भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि नगर पालिकाओं तक फैला हुआ है।
मामला अब और गंभीर
ईडी और सीबीआई दोनों मिलकर इस पूरे घोटाले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियों को शक है कि नगर पालिका भर्ती में भी करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है और इसमें कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं।
अब सबकी नजर इस पर है कि ईडी की छापेमारी से कौन-कौन से नए खुलासे सामने आते हैं और क्या पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिर से उथल-पुथल देखने को मिलेगी।