Haryana Dengue Cases: हरियाणा और चंडीगढ़ में डेंगू का खतरा बढ़ा, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को किया अलर्ट

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बरसात के बाद चंडीगढ़ और हरियाणा में जगह-जगह पानी भरने से डेंगू का खतरा बढ़ गया है। हल्का गर्म मौसम और जमा पानी एडीज मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां मानी जाती हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चंडीगढ़ में अब तक 5 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, जबकि पूरे हरियाणा में यह संख्या 1,041 तक पहुंच गई है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने और आसपास पानी जमा न होने देने की अपील की है।

चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग का बयान

चंडीगढ़ की स्वास्थ्य निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने कहा—
“फिलहाल मामले कम हैं, लेकिन बरसात के बाद का मौसम डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।”

उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है और इसके अंडे सूखे बर्तनों में लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। इसलिए लोगों को हफ्ते में कम से कम एक बार—

  • कूलर

  • पानी की टंकी

  • बाल्टी

  • फूलदान

  • पक्षियों के बर्तन

  • ट्रे

को अच्छी तरह साफ करके सुखाना चाहिए।

किन चीजों से बचें?

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि टूटे गमले, नारियल के छिलके, पुराने टायर, बोतलें और डिस्पोजेबल कप जैसी चीजों में मच्छर आसानी से पनपते हैं। इन्हें कभी भी खुले में न छोड़ें।

डेंगू के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को—

  • लगातार तेज बुखार,

  • सिरदर्द,

  • जोड़ों और हड्डियों में दर्द,

  • शरीर पर लाल चकत्ते,

जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और जांच करवाएं। विभाग ने लोगों से अपील की है कि खुद से दवा न लें

गंभीर लक्षणों में नाक, दांत या उल्टी से खून आना, तेज सांस लेने में दिक्कत और प्लेटलेट्स की संख्या कम होना शामिल है।

जांच और टेस्ट

डेंगू की जांच के लिए NS1 और IgM ELISA टेस्ट सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं।
ये टेस्ट PGI, GMCH-32 और GMSH-16 अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध हैं।

स्वास्थ्य मंत्री का बयान

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में प्लेटलेट्स फ्री दी जाएंगी और जरूरत पड़ने पर प्राइवेट ब्लड बैंकों से भी व्यवस्था की जाएगी।

  • अब तक राज्य में 65,707 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 1,041 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले हैं।

  • राहत की बात यह है कि किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है

  • सरकारी अस्पतालों में जांच पूरी तरह मुफ्त है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए लगभग ₹600 शुल्क लिया जा रहा है।

  • डेंगू मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में 255 वार्ड और 1,091 बेड आरक्षित किए गए हैं।

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