दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक बनाने से बस 25 रन दूर थे। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रन आउट ने उनका सपना तोड़ दिया। जायसवाल 175 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
कैसे हुआ रन आउट?
दिन की सिर्फ 8वीं गेंद पर जेडन सील्स की फुल लेंथ गेंद पर जायसवाल ने मिड ऑफ की ओर शॉट खेला। गेंद सीधे फील्डर के पास गई। यशस्वी तुरंत सिंगल के लिए दौड़ पड़े, लेकिन नॉन-स्ट्राइकर छोर पर खड़े शुभमन गिल ने दौड़ने से मना कर दिया और हाथ से पीछे लौटने का इशारा किया।
जायसवाल काफी आगे निकल चुके थे। ऐसे में कैरेबियाई फील्डर ने तेजी से थ्रो किया और विकेटकीपर ने बेल्स बिखेर दीं। रन आउट के साथ ही जायसवाल की शानदार पारी थम गई।
जायसवाल का गुस्सा और निराशा
विकेट गंवाने के बाद जायसवाल स्तब्ध खड़े रह गए। उन्होंने अपना सिर पकड़ लिया और झुंझलाते हुए हाथ झटक दिए—मानो गिल से कह रहे हों कि रन लेना सही फैसला था। उनका चेहरा निराशा और गुस्से से भरा हुआ था।
गिल भी रह गए हैरान
गिल खुद भी हैरान दिखे और उन्होंने जायसवाल को मायूसी में देखा। वहीं यशस्वी इतनी देर तक क्रीज पर खड़े रहे, मानो उन्हें यकीन ही न हो रहा हो कि वह आउट हो गए हैं। शायद उनके मन में यह भी आया कि फैसला तीसरे अंपायर को भेजा जाएगा, लेकिन मैदानी अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने तुरंत उंगली उठा दी और उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा।
रीप्ले ने बढ़ाया विवाद
रीप्ले से साफ हुआ कि मामला बेहद करीबी था। कई दर्शकों और एक्सपर्ट्स का मानना था कि इस फैसले को तीसरे अंपायर के पास भेजा जाना चाहिए था। जायसवाल ने भी ड्रेसिंग रूम में रीप्ले को गौर से देखा और उपकप्तान रवींद्र जडेजा से लंबी बातचीत की।
शानदार पारी, लेकिन अधूरा सपना
हालांकि उनकी पारी का अंत हो चुका था। जायसवाल ने अपनी पारी में शानदार शॉट्स खेले और टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, लेकिन एक रन आउट की गलती ने उन्हें करियर की यादगार डबल सेंचुरी से वंचित कर दिया।