भारत की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने लंदन में अपना नया AI एक्सपीरियंस जोन और डिजाइन स्टूडियो लॉन्च किया है। कंपनी का कहना है कि इस निवेश से आने वाले तीन वर्षों में ब्रिटेन में 5,000 नई नौकरियां सृजित होंगी। यह कदम टीसीएस की ब्रिटेन में बढ़ती मौजूदगी और इनोवेशन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में TCS का योगदान
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वर्तमान में टीसीएस यूके में 42,000 से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार को सपोर्ट कर रही है।
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कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में लगभग 3.3 अरब पाउंड (करीब 350 अरब रुपये) का योगदान दिया।
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कंपनी ने कहा कि लंदन स्थित नया AI हब उसकी रणनीतिक निवेश योजनाओं को और मजबूत करेगा।
इनोवेशन और सहयोग का नया केंद्र
नया हब टीसीएस के Pace Port Innovation Centre का अपग्रेडेड वर्ज़न है। इसका मकसद है—
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क्लाइंट्स और कंपनियों के साथ सहयोग बढ़ाना
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डिजाइन थिंकिंग और डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा देना
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ब्रिटेन के स्टार्टअप्स, यूनिवर्सिटीज और रिसर्च संस्थानों के साथ मिलकर AI आधारित बिज़नेस सॉल्यूशंस तैयार करना
यह स्टूडियो न्यूयॉर्क में खुले TCS Design Studio के बाद कंपनी का दूसरा बड़ा डिजाइन हब है।
ब्रिटेन TCS का दूसरा सबसे बड़ा बाजार
टीसीएस के यूके और आयरलैंड प्रमुख विनय सिंघवी ने कहा—
“यूके हमारे लिए दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक बाजार है। हम यहां बिजनेस और टेक्नोलॉजी पहलों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
भारत-यूके साझेदारी में नई रफ्तार
टीसीएस की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टारमर भारत दौरे पर आए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर भारत को 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर बताया और ब्रिटेन को भारत का रणनीतिक साझेदार बनने की बात कही।
जुलाई 2025 में भारत और ब्रिटेन के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है।
ब्रिटिश डेलिगेशन का मुंबई दौरा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई स्थित TCS बनयान पार्क कैंपस का दौरा किया।
ब्रिटिश निवेश मंत्री जेसन स्टॉकवुड ने कहा—
“टीसीएस कैंपस में जाकर उनके तकनीकी नवाचार देखना शानदार अनुभव था। टाटा समूह पिछले 150 सालों से नेतृत्व और उद्यमिता का प्रतीक रहा है। यह साझेदारी दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरेगी।”
निष्कर्ष
टीसीएस का यह कदम न केवल ब्रिटेन में रोजगार सृजन और टेक्नोलॉजी इनोवेशन को गति देगा, बल्कि भारत-यूके आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगा। AI और डिजाइन इनोवेशन के क्षेत्र में यह विस्तार भारत की वैश्विक तकनीकी लीडरशिप को और मजबूत करेगा।