रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा हर कर्मचारी की पहली ज़रूरत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की है। सरकार का दावा है कि UPS, मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से बेहतर है, क्योंकि यह गारंटीड पेंशन देती है।
हालांकि, कर्मचारियों में इसे लेकर अभी भी असमंजस है। 30 सितंबर 2025 तक 24 लाख केंद्रीय कर्मचारियों में से सिर्फ 1 लाख ने ही UPS को चुना। अब सरकार ने विकल्प चुनने की अंतिम तारीख तीसरी बार बढ़ाते हुए 30 नवंबर कर दी है।
UPS के फायदे
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गारंटीड पेंशन: कम से कम 10 साल की सेवा पर ₹10,000/महीना पेंशन।
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महंगाई राहत: डीए की तरह पेंशन में नियमित वृद्धि।
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परिवार को सहारा: मृत्यु की स्थिति में साथी को 60% पेंशन।
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अतिरिक्त लाभ: सेवा कार्यकाल के हिसाब से एकमुश्त राशि अलग से।
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लचीलापन: रिटायरमेंट से एक साल पहले तक UPS से NPS में स्विच की सुविधा।
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ज्यादा योगदान: कर्मचारी 10%, सरकार 10% और 8.5% पूल कॉर्पस।
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निवेश, रिटर्न और निकासी पर टैक्स प्रोत्साहन।
UPS की सीमाएँ
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गारंटीड भुगतान सेवा शर्तों पर निर्भर।
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वॉलंटरी रिटायरमेंट पर भुगतान की तारीख प्रभावित हो सकती है।
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इस्तीफा या बर्खास्तगी पर पेंशन नहीं।
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अगर आपका इंडिविजुअल कॉर्पस (IC) तय बेंचमार्क कॉर्पस (BC) से कम हुआ, तो पेंशन घट सकती है।
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60% तक एकमुश्त निकासी संभव, लेकिन टैक्स छूट पर स्पष्टता नहीं।
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पूल कॉर्पस पर नियंत्रण सरकार का रहेगा।
NPS के फायदे
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इक्विटी और डेट में निवेश चुनने की पूरी आज़ादी।
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नौकरी बदलने पर पोर्टेबिलिटी आसान।
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लंबे समय में इक्विटी और बॉन्ड से बड़ा कॉर्पस बनने की संभावना।
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60% तक एकमुश्त निकासी टैक्स-फ्री।
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ऑनलाइन 24×7 अकाउंट ट्रैकिंग।
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निवेश, रिटर्न और निकासी पर टैक्स लाभ।
NPS की सीमाएँ
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महंगाई राहत नहीं, पेंशन की कोई गारंटी नहीं।
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सेवानिवृत्ति आय बाजार और एन्युटी रेट पर निर्भर।
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योगदान UPS से कम: कर्मचारी 10% + सरकार 14%।
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पारिवारिक लाभ एन्युटी पर निर्भर।
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गलत असेट-मिक्स या बदलाव से कम्पाउंडिंग का नुकसान।
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पेंशन दरें एन्युटी मार्केट पर आधारित, उतार-चढ़ाव संभव।
IC और BC क्या है?
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IC (Individual Corpus): कर्मचारी और सरकार का योगदान + निवेश पर ब्याज। यह व्यक्तिगत कोष है।
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BC (Benchmark Corpus): मानक कोष, जिसे PFRDA डिफॉल्ट निवेश पैटर्न से तय करता है। अगर IC < BC हुआ, तो पेंशन घटेगी।
विशेषज्ञों की राय
टैक्स और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है:
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रिटायरमेंट के बाद निश्चित और हर महीने आय की ज़रूरत होती है, इसलिए UPS ज़्यादा सुरक्षित और अनुमानित विकल्प है।
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वहीं, जिन कर्मचारियों के पास अन्य वित्तीय साधन हैं और जो जोखिम लेने को तैयार हैं, वे NPS में बने रह सकते हैं।
✅ कुल मिलाकर, UPS उन लोगों के लिए बेहतर है जो गारंटीड और स्थिर पेंशन चाहते हैं। जबकि NPS उन्हें सूट करता है जो मार्केट के उतार-चढ़ाव को झेलकर लंबे समय में ज़्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं।