दिवाली 2025 होगी 6 दिन लंबी: 20 को लक्ष्मी पूजा, 21 को स्नान-दान और 22 को गोवर्धन पूजन

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इस बार दीपावली का त्यौहार पूरे 6 दिनों तक मनाया जाएगा। इसकी खास वजह यह है कि इस बार अमावस्या तिथि दो दिन तक रहने वाली है। यही कारण है कि कुछ प्रमुख पर्व दो अलग-अलग दिनों में बंट गए हैं।


दिवाली की तारीखें और खास आयोजन

  • 17 अक्टूबर – एकादशी व्रत (सूर्योदय पर एकादशी तिथि व्याप्त)

  • 18 अक्टूबर – धनतेरस (त्रयोदशी संध्या तक रहने से यही दिन धनतेरस पूजन का होगा)

  • 19 अक्टूबर – चौदस

  • 20 अक्टूबर – दीपावली महालक्ष्मी पूजन (गोधूलि बेला और अमावस्या तिथि के संयोग पर)

  • 21 अक्टूबर – दीपावली स्नान-दान (सुबह अमावस्या तिथि होने से यह आयोजन इसी दिन)

  • 22 अक्टूबर – गोवर्धन पूजा


क्यों है यह दिवाली खास?

पंडितों के अनुसार, इस बार दिवाली पर तीन प्रमुख ग्रहों का संयोग बन रहा है – सूर्य, मंगल और बुध। इनका संयुक्त प्रभाव सभी राशियों के लिए शुभ माना जा रहा है। साथ ही कार्तिक अमावस्या पर स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का विधान है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


विशेष योग बनेंगे

  • हंस महापुरुष योग – बृहस्पति के उच्च राशि कर्क में होने से धन, ज्ञान और सम्मान की प्राप्ति।

  • शनि वक्री योग – मीन राशि में शनि के वक्री रहने से अप्रत्याशित सफलता और धनलाभ।

  • कलात्मक योग – कन्या राशि में शुक्र और चंद्रमा की युति से सुख-सुविधा और रिश्तों में प्रेम।

  • बुधादित्य योग – तुला राशि में सूर्य-बुध की युति से बुद्धिमत्ता, नेतृत्व और करियर में सफलता।


पंडितों की राय

रायपुर के महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 2:32 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 4:26 बजे तक रहेगी। इसी वजह से महालक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को ही किया जाएगा, जबकि स्नान-दान का विधान 21 अक्टूबर की सुबह रहेगा।


✅ कुल मिलाकर, इस बार दिवाली केवल एक दिन का पर्व नहीं बल्कि पूरे 6 दिन का उत्सव बनेगी। धनतेरस से लेकर गोवर्धन पूजा तक हर दिन अलग-अलग धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व रखेगा, जिससे इस बार का पर्व और भी खास हो जाएगा।

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