छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला अस्पताल में शुक्रवार को कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अस्पताल के ओपीडी, दवा वितरण शाखा, फार्मेसी, शिशु वार्ड और पेईंग वार्ड का बारीकी से जायजा लिया और मरीजों से सीधे इलाज और सुविधाओं को लेकर चर्चा की।
अनुपस्थित डॉक्टर्स पर सख्ती
निरीक्षण के दौरान कई डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं मिले। कलेक्टर ने नाराज़गी जताते हुए ऐसे सभी चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
साफ-सफाई पर जताई नाराज़गी
बसंतपुर स्थित 100 बिस्तर मातृ-शिशु अस्पताल के सुरक्षा वार्ड का निरीक्षण करते समय कलेक्टर ने साफ-सफाई में लापरवाही पाई। उन्होंने तुरंत सुधार करने और नियमित स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
मरीजों से सीधा संवाद ️
कलेक्टर ने पोस्ट नेटल कक्ष में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने इलाज, भोजन की गुणवत्ता और अस्पताल की अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
साथ ही अस्पताल परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
बिलासपुर में भी सख़्त निगरानी
इधर, चिकित्सा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर ने बिलासपुर स्थित सिम्स (SIMS) का आकस्मिक निरीक्षण किया।
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उन्होंने आपातकालीन विभाग के बाहर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जांच की।
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भर्ती मरीजों से इलाज और दवाओं की उपलब्धता पर फीडबैक लिया।
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रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और समय को लेकर अधिकारियों से सवाल किए।
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आयुष्मान कार्डधारक मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा की।
निर्माण कार्य और स्वच्छता पर ज़ोर
डायरेक्टर ने निर्माणाधीन वार्डों का निरीक्षण कर एजेंसी को तय समयसीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए।
ऑपरेशन थिएटर, उपकरणों की स्थिति और स्वच्छता व्यवस्था का भी गहन परीक्षण किया गया।
यह औचक निरीक्षण साफ दिखाता है कि सरकार अब स्वास्थ्य संस्थानों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सीधी निगरानी रख रही है। अनुपस्थित डॉक्टरों पर कार्रवाई और मरीजों से सीधा संवाद बताता है कि प्रशासन हेल्थकेयर सिस्टम को जवाबदेह बनाने की कोशिश में है।