–मां मंकीनम्मा जन कल्याण सेवा समिति व श्रीमद् भगवत गीता प्रचार संघ द्वारा किया गया आध्यात्मिक आयोजन…
भिलाई :गीता जयंती के अवसर पर शनिवार को सेक्टर-7 स्थित श्रीश्रीश्री माताधाम परिसर में गीता महायज्ञ का आयोजन किया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रीमद् भगवत गीता प्रचार संघ द्वारा मां मंकीनम्मा जन कल्याण सेवा समिति के तत्वाधान में गीता महायज्ञ अनुष्ठान किया। इस आध्यात्मिक आयोजन में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। महिलाओं ने व्रत रख महायज्ञ में भाग लिया। गीता के जयकारों के साथ महायज्ञ परिसर गूंजता रहा।
मां मंकीनम्मा जन कल्याण सेवा समिति द्वारा इस वर्ष सेक्टर-7 एवेन्यू ए स्थित श्री श्री श्री माताधाम मंदिर परिसर में गीता महायज्ञ का आयोजन किया गया। श्रीमद् भगवत गीता प्रचार संघ सदस्यों द्वारा गीता महायज्ञ को संपन्न किया गया। वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ यज्ञ कुंड में आहूतियां दी गई। इस दौरान व्रती महिलाओं ने पूरी निष्ठा के साथ यज्ञ में भाग लिया। सुबह 6 बजे से आयोजन की शुरुआत हुई जो कि रात 7 बजे तक चलती रही। गीता महायज्ञ के साथ ही विधिवत पूजा अनुष्ठान भी संपन्न कराया गया। गीता महायज्ञ को संपन्न कराने में श्रीमद् भगवत गीता प्रचार संघ एन रुकमांगधरा राव, पी मुरहारी, एन पापा राव, पी त्रिनाद पंडित, बी रामाराव, बी वेंकट राव, एस कृष्णा राव, जी धर्मा राव, पी यादव राव, डी चलपति, वी शेष राव सहित अन्य सदस्यों का योगदान रहा।
नगर संकीर्तन से हई महायज्ञ की शुरुआत
गीता महायज्ञ की शुरुआत शनिवार की सुबह 6.00 बजे से 7 बजे तक नगर संकीर्तन हुआ। इसमें श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा निकाली। इसके मंदिर परिसर में पताका अविष्करण (ध्वजारोहण) किया गया। ध्वजारोहण के बाद यज्ञ स्थल पर कलश स्थापना की गई और उसके बाद महायज्ञ की शुरूआत हुई। श्रीमद् भगवत गीता प्रचार संघ सदस्यों ने श्रद्धालुओं के साथ मिलकर महायज्ञ किया। लगभग 4 घंटों से भी ज्यादा समय तक वेद मंत्रों के साथ महायज्ञ का अनुष्ठान पूरा कराया गया। महायज्ञ के बाद मंदिर परिसर में विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद शाम को 5.00 से 7 बजे तक भजन संकीर्तन किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रमुख रूप से मां मंकीनम्मा जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष चन्ना केशवुलू, डॉ. सीएम कोन्डय्या, गणेश कुमार, पीसी गुरवैय्या, ई. आदिनारायण, ए चन्द्रशेखर, सी श्रीनिवास, एन वेंकट, बी सुग्रीव, के. खलैय्या, प्रभाकर राव, एन वारेकोडळ्या, ए आनंद, गणपति राव, राम मोहन राव, एम वेंकट, चंद्रशेखर, एम. मोहन राव आदि का विशेष योगदान रहा।