छत्तीसगढ़ में मिली करारी हार के बाद समीक्षा को लेकर कांग्रेस की बैठक में हंगामा मच गया। पहली समीक्षा बैठक 23 दिसंबर को संयुक्त महामंत्री और सचिवों के साथ PCC चीफ के साथ हुई। इसके बाद दूसरी बैठक पूर्व विधायकों के साथ जारी है। जिसमें विधानसभा चुनाव में जिनकी विधायक की टिकट कटी गई वो भी कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे थे।
पदाधिकारियों का गुस्सा पहली बैठक में पूर्व मंत्रियों पर फूटा था। नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से कहा कि मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं के काम नहीं किया, मनमाने ढंग से अपनी ही चलाई।
कोल स्कैम में आरोपी बनने के बाद बिलाईगढ़ टिकट कटने से आक्रोशित पूर्व विधायक चंद्रदेव राय ने कहा कि, 22 विधायकों की टिकट नहीं काटी होती तो निश्चित जीत होगी। हम हारे विधायक नहीं है हमारी टिकट काटी गई, पूर्व विधायक हैं जनता के हित में संघर्ष करते रहेंगे।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी के सवाल पर मीडिया को बताया कि, पार्टी में हर तरह की बातें होती हैं। हमारे प्रभारी जिले और विधानसभा स्तर तक जाकर कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। जमीनी स्तर तक फिर से लोकसभा की तैयारी हम कर रहे हैं।
राष्ट्रबोध को कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि, हार की समीक्षा में कांग्रेस की लगातार चार बैठकें होनी है। बैठक में डोनेट फॉर देश और 28 दिसंबर की महारैली पर भी चर्चा की गई है।
विगत 22 दिसंबर को भी कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई थी। बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, पीसीसी चीफ दीपक बैज, पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत पूर्व मंत्री, नए विधायक भी शामिल हुए।
2023 विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के पास वैसे तो 35 विधायक हैं, लेकिन इनमें से 14 विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। बाकी 21 में आधे से ज्यादा दूसरी बार विधायक बने हैं।