इस साल 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को देशभर में धूमधाम से दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, मां सरस्वती, मां काली और कुबेर देव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
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समय: शाम 07:08 बजे से 08:18 बजे तक
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इस एक घंटे के शुभ काल में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है।
दिवाली पूजन सामग्री लिस्ट
पूजन के लिए ये सामान पहले से तैयार रखें:
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लकड़ी की चौकी और लाल/पीला कपड़ा
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लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा (साथ में मां सरस्वती, कुबेर, राम दरबार की मूर्ति)
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गंगाजल, फूल, फल
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कुमकुम, रोली, हल्दी की गांठ
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कपूर, अगरबत्ती, धूप
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दीपक (घी और तेल वाले)
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खील-बताशे, पान, सुपारी, लौंग
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पंचामृत और चांदी के सिक्के
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कलावा, जनेऊ, दूर्वा घास
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गेहूं, चावल, लाल सिंदूर, बाती
दिवाली पूजन विधि
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पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और चौकी पर लाल/पीला कपड़ा बिछाएं।
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चौकी पर लक्ष्मी-गणेश, सरस्वती, कुबेर और राम दरबार की प्रतिमाएं स्थापित करें।
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ध्यान दें: लक्ष्मी जी की मूर्ति, गणेश जी के दाहिने ओर रखें।
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गंगाजल छिड़कें और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का उच्चारण करके पूजा प्रारंभ करें।
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सबसे पहले गणेश जी को तिलक करें और दूर्वा अर्पित करें।
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फिर मां लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाकर उनके बीज मंत्र का जाप करें।
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इसके बाद कुबेर देव, मां सरस्वती और राम दरबार की पूजा करें।
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अंत में लक्ष्मी-गणेश की आरती करें और पूरे घर में दीपक जलाएं।
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मंदिर में दो बड़े दीपक रखें –
✅ घी का दीपक मां लक्ष्मी के लिए
✅ तेल का दीपक पितरों के लिए
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खास बात: घी का दीपक पूरी रात जलता रहना चाहिए।
दिवाली पूजा का महत्व
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घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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धन, वैभव, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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मां लक्ष्मी की कृपा से घर में सदैव रौनक और खुशहाली बनी रहती है।
इस दिवाली, सही विधि से मां लक्ष्मी की पूजा करके अपने घर को रोशनी और समृद्धि से भर दें।