रायपुर में बोमन ईरानी एनएच गोयल स्कूल में हुए एनुअल डे सेलिब्रेशन नवरस में गाने गाये, बताई बचपन की बातें, कहा- स को फ बोलता था, हकलाता था…!

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बोमन इरानी रायपुर पहुंचे। हाथ में गिटार और गाने लगे मशहूर गाना गिव मी सम सनशाइन…। दरअसल मौका था एनएच गोयल स्कूल में हुए एनुअल डे सेलिब्रेशन नवरस का। यहां बतौर मुख्य अतिथी पहुंचे बॉलीवुड एक्टर बोमन इरानी का जुदा अंदाज देखना सभी के लिए दिलचस्प रहा।

बोमन ने गिटार को बिल्कुल प्रोफेशनल अंदाज में बजाकर लोगों को गाना सुनाया और स्टेज पर झूमते दिखे। कार्यक्रम में उन्होंने स्कूल के बच्चों को सम्मानित किया। बच्चों की लगाई एग्जीबिशन को सराहा। यहां पैरेंट्स से उन्होंने बेहतर पैरेंटिंग पर बात की और अपने बचपन के हैरान करने वाले राज खोले।

जब घोड़े की तस्वीर देखकर चुप हो गए थे

बोमन ने कहा- बचपन में मुझे स्पीच डिफेक्ट था। मैं स को फ बोलता था, हकलाता था, जोर से पतली से आवाज में घबराकर बातें करता था। बहुत शाय था। मैं स्कूल इंटरव्यू के लिए गया। प्रिंसिपल मुझे मिले उन्होंने मेरी मां को कहा कि आपके बच्चे को एडमिशन दे देंगे, कोई बात नहीं बट उसका टेस्ट लेंगे। उन्होंने मुझे एक फोटो दिखाई।

हॉर्स की फोटो दिखाई, हॉर्स में स्पेलिंग में एस आता है मैं एस नहीं बोल सकता था। मैं डर के मारे कुछ बोला ही नहीं, कि मेरी पोल न खुल जाए। प्रिंसिपल ने कहा कोई बात नहीं दूसरी तस्वीर उन्होंने माउस की दिखाई, अब माउस में भी एस का उच्चारण होता है। मम्मी मुझे कह रही थी बोल बोल.. मैं तो नहीं बोलने वाला था क्योंकि एस बोलूंगा तो फंस जाऊंगा।

सब समझेंगे मुझमें खामी है लोग मुझ पर हंसते थे, मुझे बुरा लगता था। कि मुझ में कुछ कमी है। मगर आप अपने बच्चों में कभी ऐसा कुछ फील न होने दें कि उनमें कोई प्रॉब्लम है या कमी है। क्योंकि बच्चे इसे बहुत बड़ी समस्या बना लेते हैं।

10 दिन बाद प्रिंसिपल ने मेरी मां को बुलाया मां से कहा कि वह नर्वस था वह घबराया हुआ था लेकिन आप मानकर चलिए कि जब वह बोलना शुरू करेगा तो लोग दो-दो घंटे उसकी स्पीच सुनेंगे, मेरे टीचर्स ने मुझे बेहतर बनाने का काम किया।

फ्लाइट में मेरे साथ हो गई कॉमेडी

बोमन ने एक और किस्सा सुनाते हुए बताया कि एक बार सुबह-सुबह की फ्लाइट मैंने ली। एक जेंटलमैन बहुत जोर से फोन पर बात कर रहे थे । उन्होंने मुझे देखा और वह बहुत एक्साइटेड हो गए मुझे देखकर जोर से बोले- मेरा फेवरेट एक्टर आ गया, एकदम चिल्लाने लगे और मुझे थोड़ी शर्मिंदगी हो रही थी। वह मेरे पास आए मेरे कान में उन्होंने बोला भाई साहब आपका नाम क्या है। तब समझ आया कि आप ये मानकर कतई न चलें कि सब आपको जानते हैं जमीन से जुड़े रहें।

मुझे नंबर्स याद नहीं रहते

बोमन ने बताया कि मुझे डिक्सलेक्सिया था। नंबर्स मुझे समझ में नहीं आते। कई बार कोई भी नंबर मैं याद नहीं रख पाता। मेरे फ्लाइट टाइमिंग 5 मिनट के बाद भूल जाता हूं। होटल रूम नंबर मैं भूल जाता हूं मैं कंफ्यूज हो जाता हूं नंबर में। आज भी… हो जाता हूं।

हम सभी में किसी न किसी तरह की कमी है हर कोई जीनियस नहीं होता। बच्चों में परफेक्ट कोई नहीं होता है जैसा आप सोचते हैं। आप अपने बच्चों को परफेक्ट ना बनाएं बच्चों को खुश बनाएं, जब बच्चे खुश होंगे इससे अच्छी बात कोई कुछ नहीं होगी।

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