माफिया के 10 में 6 करीबी दुनिया छोड़ गए, जो बचे उन्हें डर-अगला नंबर किसका?, ‘मिट्टी में मिला देंगे’…11 महीने और अतीक का ढहता किला…!

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23 फरवरी 2023… प्रयागराज में सब कुछ सामान्य था। माफिया अतीक अहमद जेल से ही अपने सारे अवैध धंधों को चला रहा था। देर शाम खबर आई… धूमनगंज में उमेश पाल और उनके दोनों गनर्स को बीच बाजार गोली मार दी गई है। ये ट्रिपल मर्डर अतीक के आतंक पर आखिरी कील साबित हुआ।

एक हफ्ते के अंदर अतीक के खास लोग पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। खुद अतीक और अशरफ को पुलिस सुरक्षा के बीच गोलियों से भून दिया गया। इन 11 महीनों में D-कंपनी के जो लोग बच गए उन्होंने या तो सरेंडर कर दिया या फिर अंडरग्राउंड हो गए हैं।

7 दिन पहले अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को महीने का लाखों रुपए देने वाला नफीस बिरयानी भी नहीं रहा। कुल मिलाकर अतीक अब अतीत बन चुका है। उससे जुड़ा हर व्यक्ति तबाह हो गया है। अपराधों के दम पर खड़ा पूरा साम्राज्य मिट्टी में मिल चुका है। जो कभी अतीक का नाम लेकर उगाही करते थे, वह आज अपने साथ उसका नाम लेने तक से बचते हैं।

  • जानिये आज अतीत बन चुकी अतीक की गैंग के बारे में…

उमेश पाल और अतीक की हत्या के बीच महज 50 दिनों का गैप था। लेकिन इन 2 घटनाओं के बाद अतीक के कुनबे के बुरे दिन शुरू हो गए। पुलिस से लेकर UP-STF ने अतीक के करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू किया।

हालत यह हो गई कि महज 11 महीने के अंदर अतीक के 10 सबसे करीबी लोगों में से 6 अब इस दुनिया में नहीं हैं। वहीं, जो फरार हैं उन्हें डर है कि कहीं अगला नंबर उन्हीं का न हो। आइए पहले उन लोगों के बारे में जानते हैं, जिनके लिए अतीक से दोस्ती काल बन गई…

अतीक का करीबी 1: अरबाज
काम: अतीक का ड्राइवर
मौत: 27 फरवरी 2023

उमेश पाल की हत्या से महज 3 दिन बाद UP पुलिस ने 27 फरवरी को माफिया अतीक अहमद के करीबी अरबाज को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। अतीक जब पॉलिटिक्स में सक्रिय था तब से अरबाज उसकी गाड़ी चलाता था।

अतीक अरबाज को अपने बेटों की तरह मानता था। दिन हो या रात अतीक की एक कॉल पर अरबाज हाजिर हो जाता था। अतीक के कफीले का वह मुख्य ड्राइवर था। उमेश की हत्या में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया, वह भी अरबाज के घर के बाहर मिली थी।

अतीक का करीबी 2: विजय चौधरी उर्फ उस्मान
काम: अतीक का शूटर
मौत: 6 मार्च 2023

प्रयागराज के लालापुर का रहने वाला विजय चौधरी उर्फ उस्मान एक शार्प शूटर था। उस्मान ने ही उमेश पर सबसे पहले फायरिंग की थी। उमेश जैसे ही अपनी क्रेटा कार से उतरे थे, तभी घात लगाकर बैठे विजय उर्फ उस्मान ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी और गोली लगते ही उमेश जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद शूटर गुलाम मोहम्मद और बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत दूसरे बदमाशों ने उमेश समेत दो सुरक्षाकर्मियों पर कई राउंड फायर झोंक दिया।

6 मार्च को UP पुलिस ने प्रयागराज के कौंधियारा में विजय को एनकाउंटर में ठेर कर दिया। विजय चौधरी का नाम उमेश हत्याकांड में दर्ज की गई शुरुआती FIR में नहीं था। लेकिन CCTV फुटेज के आधार पर उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

अतीक का करीबी 3,4 : बेटा असद और गुलाम मोहम्मद
काम: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी
मौत: 13 अप्रैल 2023

उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम बाइक पर बैठकर कानपुर पहुंचे। इसके बाद दोनों ने कानपुर से बस पकड़ी और नोएडा बस स्टेशन पर उतरे। नोएडा में पहले से ही दोनों के कई साथी मौजूद थे। उन्होंने असद-गुलाम को ऑटो में बैठाया और दिल्ली के संगम विहार लेकर गए।

दिल्ली में असद और गुलाम 15 दिन तक रुके। यह वह वक्त था जब पुलिस उमेश हत्याकांड के हमलावरों को खोज रही थी। दिल्ली में 2 हफ्ते बिताने के बाद दोनों अजमेर पहुंचे। अजमेर में वह कुछ दिन तक रुके। इसी दौरान अतीक और अशरफ को पेशी पर प्रयागराज लाया गया था। सारी मीडिया का ध्यान उन्हीं की तरफ था, इसी बीच मौका देखकर दोनों अजमेर से झांसी चले गए।

तभी पुलिस को मिले इनपुट के बाद असद और गुलाम का यूपी STF ने 13 अप्रैल 2023 को झांसी में घेर लिया। कुछ देर बाद जब दोनों के एनकाउंटर की खबर आई तो अतीक और अशरफ की MP-MLA कोर्ट में पेशी चल रही थी। इस घटना की खबर मिलते ही अतीक अदालत में जज के सामने रोने लगा था।

अतीक का करीबी 5: अशरफ
काम: उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता
मौत: 15 अप्रैल 2023

उमेश पाल अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को उमेश की हत्या के मामले में पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड खत्म होने से पहले 15 अप्रैल 2023 शनिवार रात अतीक-अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया। इसी बीच 3 लड़के मीडियाकर्मी बनकर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी।

अशरफ कुछ समझ पाता उससे पहले लड़कों ने उसपर भी ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। महज 1 मिनट के अंदर दोनों (अतीक-अशरफ) वहीं ढेर हो गए। हमलावरों की पहचान लवलेश, सनी और अरुण मौर्य के नाम से हुई। तीनों इस वक्त चित्रकूट जेल में बंद हैं।

अतीक के लिए सबसे वफादार और राजदार उसका भाई अशरफ था। अतीक की पत्नी शाइस्ता और अशरफ मिलकर उनका बिजनेस चलाते थे। गैंग के सदस्यों का पूरा ब्योरा और उनसे पैसों की लेन-देन तक शाइस्ता और अशरफ देखते थे। अशरफ को जेल होने के बाद कारोबार का पूरा हिसाब-किसाब शाइस्ता संभालने लगी थी।

यह तस्वीर अशरफ की मौत से 2 मिनट पहले की है। जब मीडियाकर्मी उसे और अतीक से बात कर रहे थे।
यह तस्वीर अशरफ की मौत से 2 मिनट पहले की है। जब मीडियाकर्मी उसे और अतीक से बात कर रहे थे।

अतीक का करीबी 6: नफीस बिरयानी
काम: अतीक का फाइनेंसर
मौत: 17 दिसंबर 2023

प्रयागराज के मशहूर ईट ऑन रेस्टोरेंट के मालिक नफीस बिरयानी अतीक का फाइनेंसर था। वह अतीक के परिवार ही नहीं उसके गुर्गों पर भी अच्छी खासी रकम खर्च करता था। नफीस ने शहर के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइंस में बिरयानी बेचकर अकूत दौलत इकट्ठा की। इतनी दौलत…कि वह अतीक के जेल जाने के बाद शाइस्ता को हर महीने 25 से 30 लाख रुपए भेजता था।

2 नवंबर 2023 को मुठभेड़ के बाद पुलिस ने नफीस को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी थी। गिरफ्तारी के बाद वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद था, जहां 17 दिसंबर रविवार शाम उसे हार्ट अटैक आया। अटैक पड़ने पर जेल प्रशासन ने नफीस को स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती करवाया। 3 डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही थी। लेकिन देर रात उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।

नफीस अतीक की पत्नी शाइस्ता का खास आदमी था। माफिया के काले कारोबार को बढ़ाने के लिए नफीस गैरकानूनी तरीके से फंड जनरेट करता था।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर अतीक, उसका भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता, बेटे असद, शूटर अरमान, गुलाम मोहम्मद, गुड्डू मुस्लिम, शूटर साबिर,उस्मान और नफीस बिरयानी पर केस दर्ज किया गया। इनमें से 7 अरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि 4 ( शाइस्ता, गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान) फरार हैं।

शाइस्ता-जैनब के बीच का लिंक सद्दाम अब सलाखों के पीछे
28 सितंबर 2023 को UP-STF ने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अब्दुल समद उर्फ सद्दाम को दिल्ली के मालवीय नगर से गिरफ्तार किया। सद्दाम 7 महीने तक पुलिस और STF को चकमा देता रहा। फरारी के दौरान उसने 7 शहर बदले। इस दरमियान उसने अपने दोस्तों के नाम से 10 से ज्यादा मोबाइल नंबर लिए। लेकिन सितंबर के आखिरी हफ्ते में उसे आखिरकार दबोच लिया गया। सद्दाम माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ का साला है। उसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था।

सद्दाम की गिरफ्तारी को UP-STF चीफ अमिताभ यश बड़ी कामयाबी मानते हैं। वह कहते हैं, “अशरफ जब बरेली जेल में था तो सद्दाम ही उसका कामकाज संभालता था। वह फेक डॉक्यूमेंट्स के जरिए सभी शूटरों को अशरफ से मिलवाने के लिए बरेली जेल ले गया था। उसका एक CCTV फुटेज भी STF को मिला था। इसी आधार पर उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।”

सद्दाम की गिरफ्तारी इस हिलाज से भी बड़ी खबर थी क्योंकि उसका संपर्क अतीक की पत्नी शाइस्ता और अशरफ की बीवी जैनब फातिमा दोनों से था। ऐसे में पुलिस उससे दोनों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रही है। उमेश हत्याकांड के बाद शाइस्ता और जैनब दोनों ही फिलहाल फरार चल रही हैं।

कोठियों से लेकर बैंक खातों तक पर पैनी नजर
नवंबर के आखिरी हफ्ते में ED ने अतीक के आर्थिक मददगारों से लेकर कई सफेदपोश और बिल्डरों के नाम जारी किए। इसपर शिकंजा कसने के लिए यूपी पुलिस ED की तरह जांच शुरू कर चुकी है। अतीक के करीबियों के बैंक खातों की पड़ताल के साथ-साथ अवैध बिल्डरों और कंस्ट्रक्शन कंपनियों की तलाश हो रही है।

पीडीए के अवर अभियंता अनिल कुमार कहते हैं, “9 दिसंबर को अतीक के करीबी बिल्डर अतुल द्विवेदी के साथ रियल स्टेट से जुड़े 3 लोगों के खिलाफ PDA यानी प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की। अतुल द्विवेदी ने कटहुला गौसपुर में ले-आउट पास कराए बगैर अवैध प्लॉटिंग करवाई थी। इस पर नामजद मुकदमा लिखा गया है। प्रयागराज में मेट्रो इंफ्रावेंचर प्राइवेट लिमिटेड और शिखर ग्रीन एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों पर भी कार्रवाई की गई है। इन फर्म की तरफ से अतुल द्विवेदी, मधुकर मिश्रा, अजीत विक्रम पांडेय अवैध प्लॉटिंग करवा रहे थे। सभी अतीक के जानने वाले थे।”

इसी महीने प्रयागराज में अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा और मेरठ में अतीक की बहन आइशा नूरी की अवैध संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई भी की गई है। ED को छापेमारी में कई शेल कंपनियों के कागजात मिले थे, जिनमें अतीक का पैसा लगा होने की छानबीन की जा रही है।

ED ने नवंबर 2021 में फूलपुर में अतीक अहमद की 8 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की। यह प्रॉपर्टी शाइस्ता के नाम पर साढ़े चार करोड़ रुपए में खरीदी गई थी। अतीक और उसके करीबियों की कंपनियों से जुडे़ बैंक खातों में सवा करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा पाई गई।

  • आखिर में उन 2 तारीखों की कहानी जिनके बाद अतीक के साम्राज्य पर गहरी चोट लगी…

तारीख: 24 फरवरी 2023
जगह: धूमनगंज, प्रयागराज

शाम होते ही धूमनगंज बाजार में हर दिन की तरह चहल-पहल तेज थी। छोटे दुकानदार अपना काम समेट कर घर जाने की तैयारी में थे। इसी दरमियान सफेद रंग की कार में बैठे वकील उमेश पाल कोर्ट से घर पहुंचते हैं। वह कार का दरवाजा खोलते भर हैं कि एक के बाद एक 7 लोग उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगते हैं। बीच में सफेद रंग की बुशर्ट पहने गुड्डू मुस्लिम गैस बम फेंकता है, ताकि लोग उस जगह से दूर हट जाएं और किसी को कुछ दिखाई न दे।

उमेश पर फायरिंग करने वालों में अतीक का बड़ा बेटा असद भी था। गोलियों से बचते-बचाते उमेश एक संकरी गली की ओर भागते हैं। लेकिन इस हमले में उमेश के साथ उनके दो गनर्स की भी मौत हो जाती है। प्रयागराज में घटी इस खौफनाक वारदात की आहट पूरे धूमनगंज से लेकर विधानसभा तक सुनाई दी।

तारीख: 25 फरवरी 2023
जगह: विधानसभा, लखनऊ

सदन में योगी के अतीक को लेकर दिए गए बयान के बाद भाजपा विधायकों ने सीट थपथपाई।
दन में योगी के अतीक को लेकर दिए गए बयान के बाद भाजपा विधायकों ने सीट थपथपाई।

लखनऊ में हल्की सर्दी थी। लेकिन विधानसभा का सदन रोज से कहीं ज्यादा गर्म था। सदन में सीएम योगी और अखिलेश यादव एक-दूसरे के सामने थे। मुद्दा था 1 दिन पहले प्रयागराज के धूमनगंज में दिन-दहाड़े उमेश पाल की हत्या का। सदन में तीखी बहस के बीच अचानक योगी अपनी कुर्सी छोड़ खड़े हो जाते हैं। बगल में बैठे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना उन्हें संभालते हैं लेकिन योगी नहीं रुकते…

वह अखिलेश यादव की ओर इशारा कर कहते हैं, “जिस माफिया ने कल यह काम करवाया है, वह उत्तर प्रदेश से बाहर है। वह बार-बार समाजवादी सरकार की ओर से MLA-MP रहा है। क्या ये सच नहीं कि जिस अतीक अहमद के खिलाफ कई निर्दोष लोगों ने मुकदमे दर्ज करवाए, वह सपा द्वारा पोषित माफिया है और उसकी कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है।” यह कह कर योगी थोड़ा रुकते हैं। दो सेकेंड बाद फिर दोहराते हैं, “आज फिर मैं इस हाउस में कह रहा हूं- इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे।”

  • अतीक गैंग से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए…

नफीस के साथ दफन हो गए अतीक के कई राज:​​​​​

माफिया अतीक अहमद और अशरफ के करीबी नफीस बिरयानी की मौत के बाद अतीक के कई बड़े राज हमेशा हमेशा के लिए दफन हो गए। अब नैनी जेल प्रशासन नफीस की मौत की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए हैं। नफीस की दो दिन पहले दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

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