भारत की शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है।
NCERT (नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने घोषणा की है कि अब स्कूल की किताबों में दो नए विषय शामिल किए जाएंगे —
तीसरी कक्षा के सिलेबस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (CT),
और 6वीं से 8वीं की साइंस की किताबों में आयुर्वेद से जुड़ी विषयवस्तु।
ये दोनों बदलाव 2026-27 के नए शैक्षणिक सत्र (Academic Year) से लागू होंगे।
तीसरी कक्षा में अब AI और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के अनुरूप, NCERT अब भारत के प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (CT) को शामिल करने जा रहा है।
इसका उद्देश्य है — बच्चों को टेक्नोलॉजिकल भविष्य के लिए तैयार करना और उनमें डिजिटल सोच विकसित करना।
इस कोर्स की रूपरेखा IIT मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की देखरेख में तैयार की जाएगी।
इसके लिए CBSE, NCERT, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) मिलकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ काम करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, यह कोर्स केवल तकनीकी ज्ञान पर नहीं बल्कि AI के सामाजिक, नैतिक और व्यवहारिक पहलुओं पर भी ध्यान देगा —
ताकि बच्चे टेक्नोलॉजी का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करना सीख सकें।
साथ ही, शिक्षकों की ट्रेनिंग और आवश्यक संसाधन (Resources) तैयार करने के लिए एक विशेष समिति भी बनाई जाएगी।
6वीं से 8वीं की साइंस में ‘आयुर्वेद’ का अध्याय
दूसरा बड़ा बदलाव साइंस की किताबों में किया जा रहा है।
कक्षा 6 से 8 तक के विज्ञान पाठ्यक्रम में आयुर्वेद को शामिल किया जाएगा।
इसका उद्देश्य है — बच्चों को भारतीय परंपरा के स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरणीय संतुलन (Environmental Balance) से जोड़ना।
NCERT के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया —
“इस पहल का मकसद बच्चों को केवल वैज्ञानिक ज्ञान नहीं बल्कि शारीरिक और मानसिक कल्याण (Well-being) की समझ देना है।”
क्लास 6 की किताब: आयुर्वेद के मूल सिद्धांत
कक्षा 6 की साइंस किताब के तीसरे चैप्टर में ‘Fundamental Principles of Ayurveda’ नाम से नया अध्याय जोड़ा गया है।
इसमें आयुर्वेद की 20 प्रमुख खूबियों का वर्णन होगा, जैसे —
गर्म-ठंडा, हल्का-भारी, सूखा-गीला जैसी प्राकृतिक विशेषताएं और उनका शरीर पर प्रभाव।
यह पाठ विद्यार्थियों को समझाएगा कि कैसे भोजन, मौसम और जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य पर असर डालते हैं।
क्लास 8 की किताब: ऋतुचर्या और दिनचर्या का विज्ञान
कक्षा 8 की साइंस किताब में नया अध्याय जोड़ा गया है —
‘Ayurveda – Balance of Body, Mind and Environment’
इसमें बताया जाएगा कि ऋतु (मौसम) और दिनचर्या के अनुसार अनुशासित जीवनशैली अपनाना क्यों आवश्यक है।
इससे विद्यार्थियों को आयुर्वेद के वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शरीर और मन के संतुलन को समझने में मदद मिलेगी।
️ इतिहास की किताबों में भी हुए बदलाव
NCERT पहले ही कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान (Social Science) किताबों में कुछ बड़े बदलाव कर चुका है।
नए सिलेबस में मुगल काल के इतिहास की पुनः समीक्षा की गई है।
अब किताब में मुगल शासकों के
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धार्मिक फैसलों,
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सांस्कृतिक योगदान,
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और अत्याचारों की नई व्याख्या शामिल की गई है।
2025–26 सेशन से यह नई किताबें देशभर के स्कूलों में लागू भी हो चुकी हैं।
इतिहास की जड़ों को समझना जरूरी: NCERT
NCERT अधिकारियों का कहना है कि इतिहास को समझना उसका निष्पक्ष विश्लेषण करना जरूरी है, न कि किसी को दोष देना।
किताब में बनारस, मथुरा और सोमनाथ जैसे मंदिरों के विध्वंस का उल्लेख है,
साथ ही जैन, सिख, सूफी और पारसी समुदायों पर हुए अत्याचारों का भी जिक्र किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा —
“इतिहास की घटनाओं को मिटाया या नकारा नहीं जा सकता।
लेकिन उनसे सीख लेकर ऐसा भविष्य बनाना जरूरी है,
जहाँ सत्ता की लालसा या अत्याचार जैसी गलतियाँ दोबारा न हों।”
निष्कर्ष: शिक्षा में भारतीयता और आधुनिकता का संगम
NCERT के इन बदलावों से यह साफ है कि भारत की नई शिक्षा प्रणाली पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक — दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ने की दिशा में है।
एक ओर, तीसरी कक्षा के बच्चों को AI और टेक्नोलॉजी की शुरुआती समझ दी जाएगी,
तो दूसरी ओर, आयुर्वेद के सिद्धांतों के ज़रिए भारतीय वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी मजबूत किया जाएगा।
यानी, नई पीढ़ी को ऐसा पाठ्यक्रम मिलेगा जो उन्हें “रूट्स से जुड़ा और फ्यूचर के लिए रेडी” बनाएगा।