दुर्ग जिले की पुलिस अब उन बदमाशों की तलाश कर रही है। जिनमें बदमाश सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ रील बनाकर डाल रहे है। पिछले चार दिनों में पुलिस ने 100 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला है। इनमें से हथियारों के साथ पोस्ट करने वाले 14 लोगों पर कार्रवाई की गई है।
वहीं 20 से ज्यादा नाबालिग और युवकों को समझाइश देकर छोड़ा गया है। दरअसल जिले में आए दिन मर्डर होना अब आम बात हो गया है। मामूली बातों में शहर में चाकूबाजी की घटनाएं हो रही है।
पुलिस ने अब इन घटनाओं को रोकने के लिए एक नई शुरुआत की है। इसके तहत दुर्ग पुलिस अब अपराधी किस्म के लोगों को सोशल मीडिया पर तलाश कर रही है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट डिलीट करा रही पुलिस
दुर्ग पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से अवैध चाकू और घातक हथियार मंगाने वालों पर नकेल कस दी है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो या वीडियो पोस्ट करने वाले अकाउंट होल्डरों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई की है।
साथ ही नाबालिगों द्वारा इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर हथियारों के साथ पोस्ट डालने के मामलों में उनके परिजनों को थाने बुलाकर समझाइश दी गई और पोस्ट डिलीट कराई गई।
जिले में बढ़ गई चाकूबाजी की घटनाएं
पिछले कुछ महीनों से जिले में चाकूबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं। जांच में सामने आया कि कई बदमाश ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और मेशो से घातक चाकू मंगाकर उनका उपयोग डर फैलाने के लिए कर रहे थे।
कुछ लोग इन हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर आम नागरिकों को धमकाने और भय पैदा करने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस की टेक्निकल टीम कर रही अकाउंट चेक
एएसपी राठौर ने बताया कि दुर्ग पुलिस की तकनीकी सेल और एसीसीयू की टीमों ने मिलकर पिछले चार दिनों में सैकड़ों सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की। इसमें कई संदिग्ध अकाउंट सामने आए, जिन पर कार्रवाई के निर्देश संबंधित थाना प्रभारियों को दिए गए।
इस अभियान के तहत थाना कोतवाली दुर्ग में 2 लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई, जबकि थाना छावनी क्षेत्र में पुलिस ने 12 अवैध हथियार जब्त किए। जिन लोगों के पास हथियार नहीं मिले, उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने चाकू खरीदने वालों की तैयार की सूची
पुलिस ने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर बच्चों के हथियारों के साथ रील पर उनकी भी जमकर क्लास लगाई है। फटकार के साथ परिजनों को समझाइश दी गई है कि वे अपने बच्चों को मोबाइल दें तो उसकी जांच भी करते रहे हैं कि आखिर वे क्या कर रहे हैं। परिजनों की जिम्मेदारी है कि बच्चे किसी गलत संगत या अवैध गतिविधि में शामिल न हो।
पुलिस विभाग के अफसरों का कहना है कि पुलिस ने अब तक जिले में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से चाकू खरीदने वालों की सूची तैयार की है। जांच के दौरान लगभग 300 लोगों को समझाइश दी गई है कि वे अवैध चाकू या तलवार की खरीदारी न करें।
ऑनलाइन हथियारों की बिक्री पर पुलिस लिख चुकी है पत्र
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में रायपुर पुलिस समेत प्रदेश की अलग-अलग जिलों की पुलिस ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म अमेजन, फ्लिपकार्ट और मेशो जैसी कंपनियों से इस तरह के घातक हथियार जैसे चाकू, तलवार, पिस्टल, कट्टा आदि की डिलीवरी से रोक लगाने के लिए पत्र लिखा है।
इस दिशा में दुर्ग पुलिस ने भी कंपनियों से आग्रह किया है कि वे इस तरह के हथियारों को बिना जांच-पड़ताल के न उपलब्ध करवाएं। यदि कोई संदिग्ध वस्तु लगे तो उसे डिलीवर न करें और तुरंत संबंधित थाने को सूचित करें।