अमित बघेल के खिलाफ मुंबई में भी शिकायत:इंदौर सांसद बोले- अपमान सहन नहीं करेंगे, धमतरी में आक्रोश रैली; कार्रवाई की मांग

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छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल के खिलाफ मुंबई में शिकायत दर्ज हुई है। दरअसल, अमित बघेल पर भगवान झूलेलाल, महाराजा अग्रसेन और पं. दीनदयाल उपाध्याय पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। अमित बघेल के बयान का सिंधी समाज और अग्रवाल समाज ने विरोध किया है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भी उनके खिलाफ FIR हुई है।

अब महाराष्ट्र के उल्हासनगर के रहने वाले कैलाश महेश सुखरामानी ने अमित बघेल के खिलाफ उल्हासनगर थाने (मुंबई) में लिखित शिकायत की है। उनका कहना है भगवान झूलेलाल के खिलाफ अभद्र टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और पूरे समाज को कष्ट पहुंचा है। उन्होंने अमित बघेल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वहीं, इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने अमित बघेल के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के प्रति अपमान सहन नहीं करेंगे। सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के धमतरी में अमित बघेल के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली गई। वहीं, जगदलपुर में 3 नवंबर को प्रदर्शन किया जाएगा।

अब जानिए क्या है पूरा विवाद

26 अक्टूबर को एक मानसिक रूप से बीमार युवक ने रायपुर के VIP चौक पर लगे छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को तोड़ दिया। जिसके बाद छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने इसका विरोध किया। अगले दिन जब विरोध प्रदर्शन चल रहा था तब छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अग्रसेन महाराज की मूर्ति क्यों नहीं टूटती है। इनकी मूर्ति पर पेशाब क्यों नहीं करते हैं।

कौन है अग्रसेन महराज। चोर है या झूठा है। पाकिस्तानी सिंधी क्या जानते हैं। मछली वाले भगवान के बारे में। उन्होंने हमारी छत्तीसगढ़ी महतारी के गर्दन को काटकर अपमान किया है।

इस आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ प्रदेशभर में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज भड़क उठा। रायपुर, रायगढ़ और सरगुजा समेत कई जिलों में समाज के लोगों ने विरोध जताते हुए FIR दर्ज करने की मांग की। इसके बाद रायपुर और सरगुजा में बघेल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।

अमित बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति की हालत देखकर हम आक्रोश से भर गए थे। लेकिन यह समझना जरूरी है कि इसका अपमान सीधे हमारे छत्तीसगढ़ के पुरखों का अपमान है। बाहर के लोग जब अपने पुरखों की मूर्ति यहां लगाते हैं, तो उनके साथ कभी अपमानजनक हरकत नहीं होती है।

यह घटना शंका और षड्यंत्र के घेरे में आती है। सीधे-साधे और शांत छत्तीसगढ़ को क्यों अशांत करने की कोशिश की जा रही है।

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