प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से अधिक प्रॉपर्टीज को अटैच कर दिया है। इन परिसंपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब ₹3,084 करोड़ बताई जा रही है। जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई के पाली हिल क्षेत्र में स्थित अनिल का लग्जरी घर ‘अबोड’ भी शामिल है।
इस कार्रवाई का संबंध यस बैंक से लिए गए हजारों करोड़ रुपए के लोन की कथित हेराफेरी और फंड डायवर्जन से जुड़ा है। ED का कहना है कि यह कदम पब्लिक मनी की रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था।
PMLA की धारा 5(1) के तहत जारी हुआ आदेश
31 अक्टूबर 2025 को PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 5(1) के तहत प्रॉपर्टी अटैचमेंट का आदेश जारी किया गया।
ED ने जुलाई 2025 में अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़े करीब 35 जगहों और लगभग 50 कंपनियों पर छापे मारे थे। इसके कुछ समय बाद CBI ने भी 23 अगस्त को अनिल अंबानी के निवास पर सर्च ऑपरेशन किया था।
ED जांच में सामने आया फंड डायवर्जन का पूरा खेल
जांच एजेंसी के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में लिए गए हजारों करोड़ रुपए के फंड्स का गलत इस्तेमाल किया गया।
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2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL को 2,965 करोड़ और RCFL को 2,045 करोड़ रुपए दिए थे।
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2019 के अंत तक ये राशि NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) बन गई।
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अब भी RHFL का ₹1,353 करोड़ और RCFL का ₹1,984 करोड़ बकाया है।
यानि कुल मिलाकर यस बैंक को 2,700 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।
ED का दावा है कि ये पैसे रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों या शेल कंपनियों में ट्रांसफर किए गए। कई लोन बिना सही जांच के उसी दिन अप्लाई, अप्रूव और डिस्बर्स कर दिए गए। कई डॉक्यूमेंट अधूरे या खाली पाए गए। इसे एजेंसी ने ‘जानबूझकर नियंत्रण तंत्र की नाकामी’ बताया।
देशभर में फैली लग्जरी और कमर्शियल प्रॉपर्टीज जब्त
जब्त की गई संपत्तियां दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, चेन्नई, हैदराबाद, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी जैसे शहरों में फैली हुई हैं। इनमे रिहायशी प्रॉपर्टीज, ऑफिस स्पेस और लैंड प्लॉट शामिल हैं।
सबसे ज्यादा चर्चित प्रॉपर्टी अनिल अंबानी का पाली हिल स्थित 16,000 वर्ग फीट का घर ‘अबोड’ है।
‘अबोड’: हेलीपैड, जिम, स्विमिंग पूल और कार लाउंज वाला आलीशान बंगला
अनिल अंबानी अपनी पत्नी टीना अंबानी और बेटों जय अनमोल व जय अनशुल के साथ इसी घर में रहते हैं।
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इस प्रॉपर्टी में हेलीपैड, स्विमिंग पूल, जिम, स्पेशल कार लाउंज और मल्टी-लेवल पार्किंग की सुविधा है।
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शुरुआत में इस बिल्डिंग को 150 मीटर ऊंचा बनाने की योजना थी, लेकिन परमिशन न मिलने के कारण इसकी ऊंचाई 66 मीटर पर सीमित रह गई।
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बताया जाता है कि यहां रोल्स रॉयस, पोर्शे, लेक्सस, मर्सिडीज़ और ऑडी जैसी लग्जरी कारें मौजूद हैं। हालांकि, एक ब्रिटिश अदालत में अनिल ने दावा किया था कि उनके नाम सिर्फ एक कार है।
पूरा मामला 3 सवालों में समझें
1. ED ने कार्रवाई क्यों की?
मामला यस बैंक द्वारा रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए लगभग ₹3,000 करोड़ के लोन से जुड़ा है। आरोप है कि ये फंड ग्रुप की अन्य कंपनियों और फर्जी फर्मों में घुमा दिए गए।
2. जांच में क्या-क्या सामने आया?
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बिना उचित जांच के लोन पास हुए
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एक ही दिन अप्लिकेशन, अप्रूवल और पैसे जारी
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कुछ कंपनियों के पते और डायरेक्टर एक जैसे
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नकली दस्तावेज, फर्जी कंपनियों को फंड ट्रांसफर
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पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन लेना (Loan Evergreen Model)
3. CBI की क्या भूमिका है?
CBI ने RHFL और RCFL को मिले दो अलग-अलग लोन मामलों में FIR दर्ज की। इसमें यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम भी शामिल है। बाद में सेबी, NHB और अन्य वित्तीय संस्थानों ने भी ED को जानकारी प्रदान की।