कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार को अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर घेरा है। पार्टी ने कहा कि जिन व्यापार समझौतों को मोदी सरकार ने भारत की बड़ी उपलब्धि बताया था, वही अब भारत के लिए मुश्किल और नुकसानदायक साबित हो रहे हैं।
जयराम रमेश ने उठाए सवाल
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा:
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“कहा गया था कि भारत नवंबर 2025 में क्वाड समिट की मेजबानी करेगा—अब वह नहीं हो रहा।”
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“कहा गया था कि भारत सबसे पहले अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करेगा—लेकिन अब यह व्यापार भारत के लिए एक कठिन और दर्दनाक अनुभव बन चुका है।”
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“अमेरिका को निर्यात कम हो रहे हैं और यहां रोजगार खो रहे हैं।”
ट्रंप के दावे से मचा सियासी हंगामा
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में फिर दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को व्यापार और शुल्क के जरिए रोका था। कांग्रेस ने इसी बयान को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया कि:
“अगर ट्रंप भारत-पाकिस्तान संघर्ष रोकने का इतना बड़ा क्रेडिट ले रहे हैं, तो क्या वाकई भारत ने अपनी विदेश नीति और संप्रभु निर्णयों में अमेरिका पर निर्भरता दिखाई?”
जयराम रमेश ने कहा कि यह 57वीं बार है जब ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोक दिया और इसकी घोषणा भारत नहीं, वॉशिंगटन से हुई।
ट्रंप ने इंटरव्यू में क्या कहा?
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“भारत पाकिस्तान के साथ परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा था।”
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“मैंने दोनों देशों से कहा—अगर तुरंत समझौता नहीं किया, तो वे अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर पाएंगे।”
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“दोनों मान गए, युद्ध रुक गया। लाखों लोगों की जान बची।”
ट्रंप ने यह दावा भी किया कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने भी इस बात की पुष्टि की।
कांग्रेस का सीधा हमला पीएम मोदी पर
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कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिका के साथ समझौते को सफलता की तरह बेचा, लेकिन अब यह भारत के लिए नुकसानदायक सौदा बन रहा है।
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पार्टी ने तंज किया—“अब समझ आता है कि ट्रंप के ‘दिल्ली वाले दोस्त’ उन्हें गले क्यों नहीं लगाना चाहते।”
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कांग्रेस ने मोदी की विदेश नीति को “आत्मसमर्पण वाली कूटनीति” बताया।
सरकार की चुप्पी और विपक्ष की रणनीति
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अब तक केंद्र सरकार ने ट्रंप के हालिया दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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कांग्रेस लगातार मुद्दे को उछाल रही है ताकि इसे लोकसभा चुनाव 2025 से पहले विदेश नीति बनाम राष्ट्रीय सम्मान के रूप में पेश किया जा सके।
सार:
कांग्रेस का साफ आरोप है—अमेरिका के साथ व्यापार का वादा, क्वाड समिट की मेजबानी और ट्रंप के बयानों से यह साबित हो रहा है कि भारत की वैश्विक छवि और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा है, और सरकार इसे छिपा रही है।