ED का बड़ा एक्शन: अनिल अंबानी की 3,000 करोड़ की 40 संपत्तियां जब्त, मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा मामला

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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े केस में उनसे जुड़ी 3,084 करोड़ रुपये की 40 संपत्तियां अटैच कर दीं।
एजेंसी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत की है।


जिन संपत्तियों पर लगा ताला – मुख्य बातें

  • कुल 40 प्रॉपर्टीज की वैल्यू – करीब ₹3,084 करोड़

  • इनमें शामिल हैं:
    ✅ मुंबई के पाली हिल स्थित आलीशान घर (हेलीपैड सहित)
    ✅ दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग का रिलायंस सेंटर कैंपस
    ✅ दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, चेन्नई, हैदराबाद और ईस्ट गोदावरी की कई आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां


ED की जांच में क्या निकला सामने?

ED के अनुसार—

  • मामला रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (RCFL) से जुड़ा है।

  • आरोप है कि इन कंपनियों के जरिए सार्वजनिक धन में हेरफेर और फंड डायवर्जन किया गया।

  • 2017 से 2019 के बीच YES बैंक ने RHFL को ₹2,965 करोड़ और RCFL को ₹2,045 करोड़ दिए थे।

  • 2019 तक ये लोन NPA (Non-Performing Asset) बन गए — RHFL पर ₹1,353 करोड़ और RCFL पर ₹1,984 करोड़ बकाया रह गया।


क्यों ली गई इतनी बड़ी कार्रवाई?

  • ED के मुताबिक, रिलायंस ग्रुप की कुछ कंपनियों पर 17,000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज की गड़बड़ियों और फंड डायवर्जन के आरोप हैं।

  • इसी मामले में अगस्त 2025 में अनिल अंबानी से पूछताछ भी की गई थी।

  • जुलाई में ED ने ग्रुप की 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों पर 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

  • यह पूरा मामला CBI की FIR से शुरू हुआ था, जिसके आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया।


अब ED क्या पता लगा रही है?

एजेंसी जांच कर रही है—

  • कि फंड किन-किन बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए?

  • किन कंपनियों या व्यक्तियों को इसका फायदा पहुंचा?

  • और क्या इन पैसों का इस्तेमाल शेल कंपनियों या दूसरे देशों में किया गया?


निष्कर्ष

यह अब तक अनिल अंबानी के खिलाफ सबसे बड़ी संपत्ति जब्ती कार्रवाई मानी जा रही है। मामले में आगे और पूछताछ, गिरफ्तारी या चार्जशीट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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