बलौदा बाजार – छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के बालसमुंद में आज से ऐतिहासिक पुन्नी मेले की शुरुआत हो चुकी है। सुबह से ही सिद्धेश्वर मंदिर बालसमुंद तालाब में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं, पुरुष और बच्चे पवित्र जल में स्नान कर दीपदान करते हुए आस्था की ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं।
रात दो बजे से ही दूर-दूर से श्रद्धालु बालसमुंद तट पर पहुंचना शुरू कर चुके थे। मान्यता है कि इस पुण्य स्नान और दीपदान से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर प्रांगण में सिद्ध बाबा की प्राचीन मूर्तियाँ स्थापित हैं, जहाँ श्रद्धालु मन्नतें मांगते हैं और “पालो” चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 150 एकड़ में फैले विशाल बालसमुंद तालाब के तट पर हर वर्ष यह आयोजन होता है।
प्राचीन शिव मंदिर है आस्था का केंद्र
यहाँ स्थित लाल ईंटों से निर्मित शिव मंदिर लगभग 900 ईसा पूर्व का बताया जाता है। मंदिर में शिव विवाह की कलात्मक मूर्तियाँ और देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएँ आज भी उस युग की उत्कृष्ट शिल्पकला को जीवंत करती हैं। मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस विभाग ने सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की है।
हर वर्ष लगता है पुन्नी मेला
रात से ही जवानों की ड्यूटी तैनात कर दी गई है, जो पूरे दिन तक जारी रहेगी ताकि श्रद्धालु शांति और सुरक्षा के वातावरण में मेले का आनंद ले सकें। बालसमुंद का पुन्नी मेला आज भी आस्था, परंपरा और इतिहास का अद्भुत संगम बना हुआ है जहाँ हर दीप के साथ जलती है श्रद्धा की रोशनी और पूर्ण होती है जन-जन की मनोकामना।