GGU में छात्र की संदिग्ध मौत पर बढ़ा विवाद—सुरक्षा लापरवाही तय, जिम्मेदारों पर FIR की तैयारी

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बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (GGU) में 23 अक्टूबर को तालाब से छात्र अर्सलान अंसारी का शव मिलने के बाद से कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। घटना के बाद हुई जांच में सुरक्षा तंत्र में भारी लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद अब जिम्मेदार अधिकारियों पर FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एसएसपी रजनेश सिंह ने साफ कहा है कि यह मौत सुरक्षा में गंभीर चूक का परिणाम है और संबंधित पर कार्रवाई तय है।

घटना के विरोध में 17 नवंबर को NSUI ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। संगठन ने छात्रों के साथ हो रहे अन्याय और प्रबंधन की लापरवाही को लेकर कड़ा रुख अपनाया। प्रदर्शन के दौरान NSUI ने साफ कहा कि यूनिवर्सिटी में सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और अर्सलान के मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अर्सलान अंसारी, जो B.Sc फिजिक्स थर्ड ईयर का छात्र था, 21 अक्टूबर से लापता था। दो दिन बाद उसका शव विश्वविद्यालय परिसर के तालाब में मिला। बिहार के छपरा जिले के रहने वाले अर्सलान की पहचान उसके पिता ने की, जिन्होंने खुलकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन को बेटे की मौत का जिम्मेदार बताया।

प्रदर्शन के दौरान NSUI ने छात्र सुदीप शास्त्री को पुनः एडमिशन देने की मांग भी रखी और आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन छात्रों की समस्याओं को अनदेखा कर रहा है। कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में हुए इस विरोध के बाद प्रबंधन हरकत में आया और सुरक्षा व्यवस्था सुधारने की घोषणाएँ की गईं।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि आने वाले दिनों में पूरे कैंपस में CCTV कैमरे लगाने, महिला सुरक्षा के लिए UGC गाइडलाइन और POCSO प्रावधान लागू करने जैसे कदम उठाए जाएंगे। वहीं छात्र सुदीप शास्त्री का मामला 22 नवंबर को स्टैंडिंग कमेटी में रखा जाएगा, जहां उसके एडमिशन पर निर्णय लिया जाएगा।

अर्सलान अंसारी की मौत की आंतरिक जांच लगभग पूरी हो चुकी है और प्रारंभिक निष्कर्षों के बाद चार वार्डन व केयर टेकर को हटाया जा चुका है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पहले हुए प्रदर्शन में टूटे गेट की वेल्डिंग को लेकर लगाए गए आरोप गलत हैं।

दूसरी ओर, पुलिस जांच में घटना स्थल को डेंजरस प्लेस घोषित किया गया है, यानी यह क्षेत्र छात्रों के लिए जोखिमभरा रहा है। पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भले ही मौत को दुर्घटना बताया गया हो, लेकिन सुरक्षा लापरवाही इतनी स्पष्ट है कि अब FIR दर्ज करना अनिवार्य माना जा रहा है। इसके लिए सीएसपी को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।

NSUI के प्रदर्शन में मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा, लकी मिश्रा, तन्मित छाबड़ा समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। मामले ने अब राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर हलचल मचा दी है और छात्र समुदाय प्रबंधन से कड़े कदम की उम्मीद कर रहा है।

यह मामला न सिर्फ यूनिवर्सिटी की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि लापरवाही किस तरह एक परिवार के लिए गहरी त्रासदी बन सकती है। अब सबकी नजर जिम्मेदारों पर होने वाली FIR और आने वाली जांच रिपोर्ट पर टिकी है।

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