सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग में चार दिवसीय सुरक्षा सप्ताह समारोह का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन में स्थायी एवं संविदा दोनों श्रेणियों के कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की। कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने, सुरक्षित कार्य प्रणालियों को अपनाने तथा व्यवहार आधारित सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ संयंत्र में दुर्घटना-मुक्त रखरखाव सुनिश्चित करना था।
उद्घाटन के अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिनमें मुख्य महाप्रबंधक (ए एंड डी) सुश्री समिधा गुप्ता, महाप्रबंधक एवं विभागाध्यक्ष (पीएलईएम) श्री एम. वी. बाबू, महाप्रबंधक (एसईडी) श्री जे. तुलसीदासन, महाप्रबंधक (इंस्ट्रूमेंटेशन) श्री बी. मधु पिल्लई तथा महाप्रबंधक (इंस्ट्रूमेंटेशन) श्री जी. के. कुंडू शामिल थे।
गणमान्य अतिथियों ने अपने संदेशों में सुरक्षा मानकों के पालन, सतर्कता, नियमित प्रशिक्षण तथा सामूहिक जिम्मेदारी को औद्योगिक कार्यसंस्कृति की अनिवार्य आवश्यकता बताया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सुरक्षा केवल किसी एक विभाग का विषय नहीं, बल्कि संपूर्ण संयंत्र की परिचालन दक्षता का मूल आधार है।
औपचारिक उद्घाटन के उपरांत सुरक्षा सप्ताह का पहला कार्यक्रम वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित हुआ, जिसमें कर्मचारियों ने औद्योगिक सुरक्षा की चुनौतियों, आधुनिक तकनीकों के उपयोग, व्यक्तिगत जवाबदेही और सुरक्षित कार्य संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रतिभागियों के उत्साह ने आगामी कार्यक्रमों के लिए प्रेरणादायक वातावरण तैयार किया।
सुरक्षा सप्ताह के दौरान पोस्टर निर्माण, नारा लेखन, कविता पाठ, नाटक, रंगोली, सुरक्षा प्रश्नोत्तरी, भाषण एवं गीत जैसी जागरूकता-आधारित रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जो कर्मचारियों को सुरक्षा विषयक संदेशों को अभिव्यक्त करने के लिए प्रभावी मंच प्रदान करती हैं।
इस अवसर पर इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों— महाप्रबंधक सुश्री सिम्मी गोस्वामी, महाप्रबंधक श्री ए. एम. डैनी, महाप्रबंधक श्री जोसेफ एम. जॉय एवं महाप्रबंधक श्री रजनीश जैन ने सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विविध गतिविधियों का नेतृत्व किया। कार्यक्रम का सफल समन्वय महाप्रबंधक एवं विभागीय सुरक्षा अधिकारी (इंस्ट्रूमेंटेशन) श्री राकेश वर्मा द्वारा किया गया।
इस पहल के माध्यम से विभाग बीएसपी के उस मिशन का समर्थन करता है, जिसमें उच्च सुरक्षा मानकों को प्राप्त करने और ऐसा कार्यस्थल विकसित करने पर बल दिया जाता है जहाँ प्रत्येक कर्मचारी अपने तथा अपने सहकर्मियों की भलाई के प्रति उत्तरदायी महसूस करे।