नई Two-Exam सिस्टम में कौन दे सकेगा दूसरी परीक्षा और कौन नहीं—CBSE ने वेबिनार और FAQ के जरिए सभी शंकाओं को दूर किया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं की दो-परीक्षा प्रणाली को लेकर जारी चर्चाओं और सवालों पर अब पूरी स्पष्टता दे दी है। 20 नवंबर को आयोजित एक राष्ट्रीय वेबिनार में बोर्ड ने प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के सभी प्रमुख सवालों के जवाब दिए। इसी के साथ CBSE ने एक विस्तृत FAQ गाइड भी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि कौन-से छात्र दूसरी परीक्षा दे सकेंगे और किन्हें यह मौका नहीं मिलेगा।
CBSE ने साफ कहा है कि 10वीं की पहली बोर्ड परीक्षा मुख्य परीक्षा होगी। दूसरी परीक्षा वैकल्पिक है और सिर्फ उन छात्रों के लिए है जो किसी विषय में अपने अंक सुधारना चाहते हैं। बोर्ड अध्यक्ष राहुल सिंह के अनुसार, आंतरिक विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग 40% विद्यार्थी ही किसी न किसी विषय में दूसरी बार परीक्षा देने का विकल्प चुनेंगे। यानी देश के अधिकांश छात्र केवल पहली बोर्ड परीक्षा के अंकों को ही स्वीकार करेंगे।
लेकिन बड़ी बात यह है कि दूसरी परीक्षा देने के लिए कुछ सख्त शर्तें रखी गई हैं। सबसे अहम यह कि जो छात्र पहली परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए, वे दूसरी परीक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे। अनुपस्थित रहने वाले किसी भी छात्र को सुधार परीक्षा का अवसर नहीं मिलेगा। यानी दूसरी परीक्षा केवल उन्हीं के लिए है जिन्होंने पहली बार परीक्षा दी और अब अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाना चाहते हैं।
दूसरी परीक्षा चुनने वाले छात्रों को केवल वही विषय चुनने की अनुमति होगी जिनका एक्सटर्नल असेसमेंट 50 अंकों से अधिक का है। जिन विषयों में एक्सटर्नल असेसमेंट 50 या उससे कम है, उनमें दूसरी परीक्षा नहीं होगी। छात्र केवल मुख्य विषयों के लिए ही यह विकल्प अपना पाएंगे।
CBSE ने बताया कि दूसरी परीक्षा के लिए LOC (List of Candidates) पहली परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद जारी की जाएगी। स्कूलों को केवल 15 दिनों के भीतर छात्रों की जानकारी सत्यापित कर आवेदन करना होगा और बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस प्रक्रिया में कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा।
वेबिनार में CBSE ने स्कूलों की जिम्मेदारियां भी तय कीं—2026 से लागू नई प्रणाली के अनुसार, कक्षा 10वीं के आंतरिक मूल्यांकन 1 जनवरी से 14 फरवरी 2026 के बीच पूरे करने होंगे। स्कूलों को अंक समय पर अपलोड करने होंगे ताकि दोनों बोर्ड परीक्षाओं का कैलेंडर व्यवस्थित चल सके और परिणाम समय पर जारी हो सकें।
दो-परीक्षा प्रणाली का उद्देश्य छात्रों को एक अतिरिक्त अवसर देना है। साल दोहराए बिना, एक ही शैक्षणिक वर्ष में अंक सुधारने का मौका छात्रों का दबाव कम करेगा और उन्हें बेहतर प्रदर्शन की ओर प्रोत्साहित करेगा। दोनों परीक्षाओं के मानक बिल्कुल समान होंगे, जिससे अंक सुधार एक पारदर्शी और न्यायसंगत प्रक्रिया बनेगा।
CBSE ने यह भी बताया कि यदि किसी छात्र, अभिभावक या स्कूल को इस नई व्यवस्था से जुड़े किसी भी मुद्दे पर स्पष्टीकरण चाहिए, तो व्हाट्सऐप नंबर 79066 27715 और ईमेल [email protected] पर सीधे संपर्क कर सकते हैं।
नई दो-परीक्षा व्यवस्था अगले साल से लागू होगी और इसका असर देशभर के लाखों विद्यार्थियों पर पड़ेगा। दोनों परीक्षाओं को लेकर अब सारी शर्तें और पात्रता स्पष्ट होने के बाद छात्रों और अभिभावकों में भी एक स्पष्टता आ गई है।