नक्सली हिडमा की मौत के बाद शेयर की गई स्टोरी पर सियासी घमासान—प्रीति मांझी ने कहा, “गांधीवादी हूं, नक्सलियों का विरोध करती हूं, स्टोरी में AI क्लिप थी।”
छत्तीसगढ़–आंध्रप्रदेश सीमा पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में खूंखार नक्सली माडवी हिडमा के मारे जाने के बाद जहां पूरे राज्य में राहत का माहौल दिखा, वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रीति मांझी की एक इंस्टाग्राम स्टोरी ने नया सियासी तूफान खड़ा कर दिया। उन्होंने हिडमा से जुड़ी AI-जनरेटेड क्लिप शेयर करते हुए “लाल सलाम” लिखा था, जिसे नक्सल समर्थक रवैये के रूप में देखा गया और इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गईं।
जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, प्रीति मांझी सामने आईं और सफाई देते हुए कहा कि उनकी सोच और नीयत को गलत समझा गया। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं गांधीवादी विचारधारा की हूं, संविधान का समर्थन करती हूं और नक्सलियों का पुरजोर विरोध करती हूं। मैं छत्तीसगढ़ की बेटी हूं और मेरा व्यक्तिगत मत हमेशा नक्सलवाद के खिलाफ रहा है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई पोस्ट नहीं किया था, बल्कि केवल एक स्टोरी डाली थी जिसमें AI-जनरेटेड क्लिप थी। मांझी के अनुसार, उनका उद्देश्य नक्सलियों की प्रशंसा करना नहीं था, बल्कि उनके सरेंडर की उम्मीद जताना था। उन्होंने दोहराया कि यदि नक्सली आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में आते हैं, तो कांग्रेस और प्रदेश सरकार उसका समर्थन करती है।
इस विवाद ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड़ जोड़ दिया है, जहां हिडमा जैसे टॉप नक्सली के मारे जाने पर राजनीतिक बयानबाज़ी अब भी जारी है। मांझी का तर्क है कि नक्सलवाद का समाधान हिंसा नहीं, बल्कि उनके मुख्यधारा में लौटने में है—और उनका “लाल सलाम” इसी संदर्भ में गलत समझ लिया गया।