बीते हफ्ते शेयर बाजार में बड़ी कंपनियों की वैल्यू तेज़ी से बढ़ी। देश की टॉप 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 कंपनियों के मार्केट कैप में कुल ₹1,28,281 करोड़ (₹1.28 लाख करोड़) की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस तेजी में सबसे बड़ा फायदा रिलायंस इंडस्ट्री और एयरटेल को हुआ, जो पूरे हफ्ते मार्केट के टॉप गेनर रहे।
रिलायंस–एयरटेल ने बढ़ाया बाजार का मूड
रिलायंस इंडस्ट्रीज की वैल्यू एक हफ्ते में ₹36,673 करोड़ बढ़कर ₹20.92 लाख करोड़ पर पहुंच गई।
वहीं टेलीकॉम दिग्गज एयरटेल का मार्केट कैप ₹36,579 करोड़ उछलकर ₹12.33 लाख करोड़ पर पहुंच गया।
पिछले हफ्ते भी एयरटेल की वैल्यू में ₹55,653 करोड़ की बढ़त आई थी। यानी दो हफ्तों में एयरटेल करीब ₹92,000 करोड़ की मार्केट वैल्यू जोड़ चुकी है।
दूसरी कंपनियां भी रहीं फायदे में
टॉप 10 में शामिल 7 कंपनियों के मार्केट कैप में तेजी रही।
हालांकि बजाज फाइनेंस और LIC को इस हफ्ते नुकसान झेलना पड़ा।
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बजाज फाइनेंस – ₹8,245 करोड़ की गिरावट, वैल्यू अब ₹6.25 लाख करोड़
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LIC – ₹4,522 करोड़ की कमी, वैल्यू अब ₹5.71 लाख करोड़
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी कंपनी की मार्केट वैल्यू होती है।
यह टोटल शेयरों × शेयर की कीमत के बराबर होता है।
उदाहरण:
अगर किसी कंपनी के 1 करोड़ शेयर मार्केट में हैं और एक शेयर की कीमत ₹20 है,
तो मार्केट कैप = 1 करोड़ × ₹20 = ₹20 करोड़
मार्केट कैप शेयर की कीमत बढ़ने–घटने या कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
मार्केट कैप कब बढ़ता है–कब घटता है?
बढ़ने का मतलब:
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शेयर की कीमत में उछाल
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कंपनी के अच्छे नतीजे
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पॉजिटिव खबरें
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मजबूत मार्केट सेंटिमेंट
घटने का मतलब:
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शेयर प्राइस में गिरावट
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खराब क्वार्टर रिजल्ट
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नेगेटिव न्यूज
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कमजोर मार्केट माहौल
कंपनी और निवेशकों पर इसका क्या असर पड़ता है?
कंपनी पर प्रभाव
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मार्केट कैप बड़ा हो तो कंपनी आसानी से फंड जुटा सकती है
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लोन लेने में मदद मिलती है
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नई कंपनियां खरीदना (अधिग्रहण) आसान होता है
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गिरा हुआ मार्केट कैप कंपनी की वित्तीय क्षमता कम कर देता है
निवेशकों पर प्रभाव
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मार्केट कैप बढ़ा → शेयर की कीमत बढ़ती → निवेशकों की संपत्ति बढ़ती
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मार्केट कैप घटा → शेयर गिरते → निवेशकों को नुकसान
उदाहरण:
अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है,
तो कई लाख निवेशकों की संपत्ति बढ़ जाती है और कंपनी नए निवेश की तैयारी कर पाती है।