अगर कभी ऐसा हो कि iPhone का पासकोड याद न आए या कई बार गलत पासकोड डालने की वजह से डिवाइस पूरी तरह लॉक हो जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं है। Apple ने ऐसी स्थितियों के लिए कई सुरक्षित विकल्प दिए हैं, जिनकी मदद से आप न सिर्फ फोन दोबारा अनलॉक कर सकते हैं, बल्कि अपना डेटा भी सुरक्षित रख सकते हैं। पासकोड भूलना जितना आम है, उसे सही तरीके से ठीक करना उतना ही आसान है—बस यह जानना जरूरी है कि किस स्थिति में कौन सा तरीका अपनाना चाहिए।
iPhone को दोबारा खोलने का सबसे अहम रास्ता है रिकवरी मोड। यह वह फीचर है, जो आपके फोन में सिस्टम संबंधी दिक्कतों को ठीक करता है और डिवाइस को फिर से तैयार कर देता है। हालांकि, इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि रिकवरी मोड एक्टिव होते ही फोन का पूरा डेटा मिट सकता है। इसलिए यह तभी कारगर है, जब आपका बैकअप पूरी तरह सुरक्षित हो—चाहे iCloud में हो, किसी लैपटॉप में या किसी एक्सटर्नल ड्राइव में। जिन लोगों के पास बैकअप नहीं होता, उनके लिए फोटो, चैट, फाइलें और सेटिंग्स खो देना तय हो सकता है। इसलिए बैकअप को हमेशा नियमित रूप से अपडेट करना बेहद जरूरी है।
फोन अनलॉक करने की प्रक्रिया की शुरुआत उसी समय होती है, जब आप अपने iPhone को कंप्यूटर के साथ जोड़ते हैं। USB केबल से कनेक्ट करने के बाद, Windows में Apple Devices ऐप, macOS Catalina के बाद वाले वर्ज़न में Finder और Mojave या उससे पुराने macOS सिस्टम में iTunes खोलना पड़ता है। इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण होता है अपने iPhone मॉडल के हिसाब से रिकवरी मोड के सही बटन-कॉम्बिनेशन को प्रेस करना। iPhone 8 और उसके बाद के मॉडल में वॉल्यूम अप, फिर वॉल्यूम डाउन और आखिर में साइड बटन को पकड़े रहना होता है। वहीं iPhone 7 सीरीज़ में वॉल्यूम डाउन के साथ टॉप/साइड बटन दबाना पड़ता है और पुराने मॉडल में होम बटन को साइड/टॉप बटन के साथ दबाए रखने से रिकवरी मोड खुलता है।
नई iOS वर्ज़न वाले iPhones में कई गलत पासकोड प्रयासों के बाद एक स्क्रीन दिखती है—“iPhone Unavailable।” यहीं से “Forgot Passcode?” का विकल्प निकलता है, जिसके जरिए आप Apple ID डालकर डिवाइस रीसेट कर सकते हैं और बाद में बैकअप से डेटा बहाल कर सकते हैं। यह तरीका बेहद आसान है, खासकर तब जब कंप्यूटर उपलब्ध न हो।
रिकवरी मोड में पहुंचने के बाद कंप्यूटर स्क्रीन पर दो विकल्प आते हैं—Update और Restore। Update का फायदा यह है कि iOS दोबारा इंस्टॉल होकर फोन का डेटा सुरक्षित रहता है। यदि अपडेट बीच में रुक जाए या ज्यादा समय ले ले, तो प्रक्रिया दोबारा करनी होती है। दूसरी ओर, Restore में पूरा सिस्टम साफ हो जाता है और फोन एकदम नए डिवाइस की तरह तैयार होता है, जिसमें बाद में बैकअप डालकर डेटा वापस लाया जा सकता है।
आखिर में, पासकोड की अहमियत समझना जरूरी है। इसे जितना सुरक्षित रखना चाहिए, उतना यादगार भी होना चाहिए। इसे किसी नोट में, सुरक्षित फाइल में या किसी भरोसेमंद डिवाइस में सेव करके रखें, ताकि भविष्य में पासकोड भूलने जैसी परेशानी दोबारा न आए। फोन की सिक्योरिटी आपकी उंगलियों में है—बस सही सावधानी आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है।