अंधविश्वास की भेंट चढ़ते-चढ़ते बची जान—‘जादुई छल्ला’ निजी अंग में फंसा तो 65 वर्षीय व्यक्ति की हुई सर्जरी

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में अंधविश्वास से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। धनवान बनने की उम्मीद में एक 65 वर्षीय व्यक्ति ने साधु के दिए गए कथित ‘जादुई’ लोहे के छल्ले को अपनी उंगली के बजाय निजी अंग में पहन लिया। रातभर उसी छल्ले में फंसे रहने से यूरिन का प्रवाह रुक गया, सूजन बढ़ती गई और उनकी जान पर बन आई। समय रहते परिजनों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां सर्जरी कर उनकी जान बचाई जा सकी।

फिरोजाबाद के छोटी छपैटी इलाके में रहने वाले यह वृद्ध स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। कुछ दिन पहले एक साधु वेशधारी व्यक्ति उनसे मिला और दावा किया कि वह उन्हें एक ऐसा लोहे का छल्ला दे रहा है जिसे पहनते ही घर में कभी धन की कमी नहीं होगी। साधु की बातों पर विश्वास करते हुए वृद्ध ने रात को उस छल्ले को उंगली में पहनने के बजाय निजी अंग पर चढ़ा लिया—और यहीं से उनकी मुसीबत शुरू हो गई।

छल्ला लगाने के तुरंत बाद वह अंग में फंस गया और सूजन तेजी से बढ़ने लगी। यूरिन का प्रवाह पूरी तरह रुकने से दर्द असहनीय हो गया। घंटों प्रयास करने के बाद भी छल्ला न निकलने पर रविवार सुबह परिजन उन्हें सरकारी ट्रॉमा सेंटर ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि अगर थोड़ी और देर हो जाती, तो गैंग्रीन जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

ट्रॉमा सेंटर में सर्जन डॉ. आर. पी. सिंह और उनकी टीम ने फौरन इलाज शुरू किया। पहले मशीन से छल्ला काटने की कोशिश की गई, पर जब वह तरीका कारगर नहीं हुआ तो विशेष जैल और सावधानीपूर्ण तकनीक का प्रयोग किया गया। करीब आधे घंटे की कड़ी मेहनत के बाद छल्ला सफलतापूर्वक निकाल लिया गया और वृद्ध की जान बच गई।

डॉक्टरों ने इस घटना को अंधविश्वास का खतरनाक उदाहरण बताते हुए चेतावनी दी है कि ऐसे ‘जादुई’ दावे सरासर झूठे होते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के टोने-टोटके, ताबीज या ‘चमत्कारी वस्तु’ के झांसे में न आएं और अपनी सेहत से खिलवाड़ न करें।

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