Social Media Ban: अब मलेशिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया, 2026 से लागू होंगे नए नियम

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मलेशिया ने डिजिटल सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार 2026 से 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। मौजूदा समय में सोशल मीडिया अकाउंट बनाने की न्यूनतम आयु 13 वर्ष है, लेकिन नए नियम लागू होने के बाद यह सीमा 16 वर्ष हो जाएगी। यह व्यवस्था एक नए अपडेटेड रेगुलेशन का हिस्सा है, जिसे खासतौर पर बच्चों और किशोरों को ऑनलाइन जोखिमों से बचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बदलाव के साथ कठोर आयु सत्यापन प्रणाली भी लागू की जाएगी, ताकि कोई भी नाबालिग गलत जानकारी देकर अकाउंट न बना सके।

मलेशिया के संचार मंत्री फ़हमी फ़ज़िल ने पुष्टि की है कि देश अब अन्य देशों में लागू आयु-संबंधी डिजिटल नीतियों और आधुनिक आयु-वेरीफिकेशन तकनीकों का अध्ययन कर रहा है। उनका कहना है कि बच्चों को साइबरबुलिंग, वित्तीय ठगी, ऑनलाइन ग्रूमिंग और यौन शोषण जैसे गंभीर डिजिटल अपराधों से बचाने के लिए यह कदम आवश्यक हो गया था। मंत्री के अनुसार, सरकार को उम्मीद है कि बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म—जैसे मेटा, गूगल, स्नैपचैट और टिकटॉक—अगले साल तक नए नियमों को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। अभी सरकार ने किसी अंतिम तारीख का औपचारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन प्लेटफॉर्म्स को पहले ही चेतावनी दे दी गई है कि नई नीतियों को समय पर लागू करना अनिवार्य होगा।

दुनिया के कई देशों में किशोरों की डिजिटल सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है और मलेशिया का यह कदम इसी बढ़ती वैश्विक पहल का हिस्सा है। इसकी शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से हुई थी, जिसने पहले ही नाबालिगों के लिए सोशल मीडिया पर सख्त नियम लागू किए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किशोरों की मानसिक स्थिति, आत्मसम्मान, नींद के पैटर्न और सामाजिक व्यवहार पर नकारात्मक असर छोड़ रहे हैं। अमेरिका में तो बड़े टेक कंपनियों पर कई मुकदमे भी चल रहे हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि प्लेटफॉर्म जानबूझकर किशोरों को आकर्षित करने के लिए हानिकारक एल्गोरिद्म का इस्तेमाल करते हैं।

मलेशिया द्वारा उठाया गया यह कदम बच्चों के लिए सुरक्षित डिजिटल वातावरण तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो आने वाले वर्षों में अन्य देशों में भी सोशल मीडिया उपयोग के लिए आयु सीमा बढ़ाने का ट्रेंड तेज़ी से देखने को मिल सकता है।

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