SIR वर्किंग अपडेट: छत्तीसगढ़ 12 राज्यों में 10वें स्थान पर, अब तक 99.23% फॉर्म वितरित; डिजिटाइजेशन में 57.88% प्रगति, लक्षद्वीप सबसे आगे

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देश के 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (Spacial Intense Revision—SIR) की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और भारत निर्वाचन आयोग इस पूरे अभियान पर रोजाना नजर रख रहा है। आयोग न केवल राज्यों को निर्देश जारी कर रहा है, बल्कि उनकी प्रगति के आधार पर रैंकिंग भी प्रकाशित कर रहा है। इसी क्रम में जारी की गई ताजा रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को 10वाँ स्थान मिला है, जबकि प्रदर्शन में लक्षद्वीप शीर्ष पर रहा है।

निर्वाचन आयोग ने 25 नवंबर को दिए नोटिफिकेशन में गणना पत्रक (कलेक्शन शीट) के वितरण और डिजिटाइजेशन दोनों की स्थिति स्पष्ट की है। इसी रिपोर्ट के अनुसार SIR के डिजिटाइज्ड डेटा प्रोसेसिंग में छत्तीसगढ़ की प्रगति 57.88% रही है, जो उसे 12 राज्यों की सूची में दसवें पायदान पर रखती है।

आयोग के आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ को कुल 2 करोड़ 10 लाख 68 हजार 201 मुद्रित गणना फॉर्म मिले थे। इनमें से 99.23% फॉर्म का फिजिकल वितरण पूरा कर लिया गया है। इसका मतलब है कि लगभग पूरा राज्य इस प्रक्रिया की प्रथम चरण की कार्रवाई पूरी कर चुका है। वहीं 1 करोड़ 22 लाख 88 हजार से अधिक फॉर्म को डिजिटाइज भी किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का 57.88% है।

पूरे देश में 12 राज्यों के 50 करोड़ 97 लाख 84 हजार से ज्यादा मतदाताओं के बीच यह SIR अभियान चलाया जा रहा है। इनमें से 50 करोड़ 54 लाख से अधिक मतदाताओं तक गणना पत्रक पहुंच चुके हैं, यानी कुल वितरण लगभग 99.16% के आसपास है। वहीं करीब 28 करोड़ से ज्यादा गणना पत्रक डिजिटल रूप में परिवर्तित किए जा चुके हैं, जो कुल मतदाता संख्या का 56.34% हिस्सा है।

गणना पत्रक आखिर है क्या? निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार बीएलओ घर-घर जाकर यह गणना पत्रक बांटते हैं और मतदाताओं से निर्धारित फॉर्मेट में सूचनाएं इकट्ठा करते हैं। इस डेटा के आधार पर मतदाता के परिवार, संबंधियों और पिछले रजिस्ट्रेशन नंबरों को मिलान कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि कौन सा मतदाता अब किसी अन्य क्षेत्र में शिफ्ट हो चुका है, कौन सूची से हटाया जाना चाहिए और किन प्रविष्टियों को अपडेट करना आवश्यक है।

इस प्रक्रिया के परिणाम से मतदाता सूची को अधिक सटीक और त्रुटिरहित बनाने में मदद मिलती है। यह 2003 में हुए पूर्व SIR मॉडल के आधार पर संचालित हो रहा है, लेकिन इस बार इसका दायरा और तकनीकी उपयोग पहले से अधिक विस्तृत है।

अब देखते हैं किस राज्य ने कितना डिजिटाइजेशन किया:

लक्षद्वीप इस रैंकिंग में सबसे ऊपर है, जहां 99.33% गणना पत्रक डिजिटल रूप में बदल दिए गए हैं। इसके बाद गोवा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्य मजबूत प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थानों पर बने हुए हैं। वहीं पुदुचेरी, अंडमान-निकोबार, तमिलनाडु और फिर छत्तीसगढ़ इसके बाद आते हैं। सूची के निचले स्थानों पर केरल और उत्तर प्रदेश हैं, जहां डिजिटल प्रगति अभी क्रमशः 35.90% और 34.03% तक ही पहुंच सकी है।

कुल मिलाकर SIR का यह चरण चुनाव आयोग के सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में से एक बन गया है, क्योंकि यह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची को साफ-सुथरा और अद्यतन बनाने का आधार तैयार करेगा।

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