रायपुर। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा 1 मार्च 2024 को शुरू की गई महतारी वंदन योजना आज राज्य में महिला सशक्तिकरण की सबसे प्रभावशाली योजनाओं में गिनी जा रही है। यह सिर्फ एक आर्थिक सहायता कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं की सामाजिक स्थिति, पारिवारिक भूमिका और आर्थिक स्वतंत्रता में स्थायी परिवर्तन लाने का प्रयास है। नियमित DBT, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा और दूरस्थ इलाकों तक पहुंच—इन तीनों ने मिलकर इसे देश की सबसे बड़ी महिला-केंद्रित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना बना दिया है।
इस योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सुनिश्चित आय देकर उनके जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास लाना है। सरकार का मानना है कि नियमित आय महिलाओं को घरेलू फैसलों में भी अधिक प्रतिनिधित्व देती है और उन्हें अपने परिवार के आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के अवसर प्रदान करती है। राज्य के दूरस्थ, पिछड़े और माओवादी प्रभावित इलाकों की महिलाओं तक योजना को पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है, ताकि वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
भाजपा ने 2023 विधानसभा चुनाव में इसे ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में पेश किया था। सत्ता में आने के तुरंत बाद 31 जनवरी 2024 की कैबिनेट बैठक में इसकी औपचारिक मंजूरी दी गई और 1 मार्च 2024 से यह योजना पूरे राज्य में लागू हो गई। पहली किस्त सीधे मार्च 2024 में लाखों महिलाओं के खातों में पहुंच गई, जिससे महिलाएँ तुरंत राहत और आर्थिक सुरक्षा महसूस करने लगीं।
नवंबर 2025 तक योजना की 21 किस्तें जारी हो चुकी हैं। ताजा किस्त में करीब 69 लाख महिलाओं को सीधा लाभ मिला है और लगभग 647 करोड़ रुपये DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं। अब तक कुल मिलाकर 13,671 करोड़ 68 लाख रुपये से अधिक की राशि लाभार्थियों के खातों में पहुंच चुकी है। प्रति माह लगभग 65 से 70 लाख महिलाएँ इस योजना से लाभान्वित होती हैं, जिससे यह राज्य की सबसे बड़े प्रत्यक्ष लाभ कार्यक्रमों में शामिल हो गई है।
इस योजना की खास उपलब्धियों में एक बस्तर संभाग के वे माओवादी मुक्त गाँव भी हैं, जहां पहली बार आर्थिक सहायता सीधे पहुंची है। वर्ष 2025 में इन इलाकों की 7,658 महिलाओं को पहली बार DBT के माध्यम से लाभ मिला, जो सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि योजनाएँ अब सबसे कठिन क्षेत्रों तक भी प्रभावी रूप से पहुँच रही हैं।
हर महीने मिलने वाली 1000 रुपये की राशि ने महिलाओं की आर्थिक प्राथमिकताओं को बदल दिया है। कई महिलाएँ अपने परिवार के रोजमर्रा के खर्चों को बिना किसी पर निर्भर हुए पूरा कर पा रही हैं। बच्चों की पढ़ाई से लेकर दवाइयों और घरेलू जरूरतों तक उन्होंने खुद को ज्यादा सक्षम और आत्मविश्वासी महसूस करना शुरू कर दिया है।
इस योजना ने महिलाओं की वित्तीय जागरूकता को भी बढ़ावा दिया है। DBT के लिए जरूरी प्रक्रियाएँ—जैसे बैंक खाता, आधार लिंकिंग, ई-केवाईसी और डिजिटल ट्रांजैक्शन—महिलाओं को बैंकिंग सिस्टम और डिजिटल फाइनेंस से जोड़ने में बेहद कारगर साबित हुई हैं। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं की डिजिटल साक्षरता में भी बड़ी वृद्धि हुई है।
सामाजिक स्तर पर भी इस योजना के सकारात्मक बदलाव दिखने लगे हैं। अब महिलाएँ परिवार में फैसले लेने में अधिक आगे आ रही हैं। स्वतंत्र रूप से पैसा खर्च करने और अपनी जरूरतों को खुद तय करने का आत्मविश्वास उनके भीतर बढ़ा है। यह बदलाव योजना के सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव के रूप में उभरकर सामने आया है।
योजना का दायरा निरंतर बढ़ता जा रहा है। महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों को मजबूती देने के लिए महतारी शक्ति ऋण योजना शुरू की गई है, जो महिलाओं को 10,000 से 25,000 रुपये तक का स्वरोजगार ऋण उपलब्ध कराती है। किराना दुकान, सिलाई व्यवसाय, पशुपालन, फूड स्टॉल जैसे छोटे व्यवसायों ने हजारों महिलाओं को आर्थिक रूप से अधिक सक्रिय बनाना शुरू कर दिया है।
महतारी वंदन योजना महिलाओं को सिर्फ हर महीने आर्थिक मदद नहीं दे रही, बल्कि उन्हें निर्भरता से स्वतंत्रता की ओर ले जा रही है। यह योजना छत्तीसगढ़ की 70 लाख के करीब महिलाओं के जीवन में वह स्थायी बदलाव ला रही है, जिसकी नींव सामाजिक सम्मान, आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर रखी गई है। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा और स्वाभिमान को मजबूत बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बन चुकी है।