दिल्ली नर्सरी एडमिशन 2026-27: स्कूल किन बच्चों को देंगे प्राथमिकता और क्या है पूरा शेड्यूल?

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दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए नर्सरी से पहली कक्षा तक के दाखिलों का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। 4 दिसंबर से नर्सरी एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद अभिभावक और स्कूल दोनों ने तैयारी तेज कर दी है। आने वाले सत्र में दिल्ली सरकार विस्तृत प्रवेश मानदंड भी जारी करने वाली है, ताकि पूरे शहर में एडमिशन प्रक्रिया पारदर्शी और एकरूप बनी रहे।

कई प्रतिष्ठित स्कूलों ने बताया है कि दाखिले की प्राथमिकता किसे मिलेगी। ईस्ट ऑफ कैलाश के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल मल्लिका प्रेमन ने कहा कि सबसे पहले प्राथमिकता स्कूल के नज़दीक रहने वाले बच्चों को दी जाएगी। इसके बाद पहले जन्मे बच्चों, स्कूल में पहले से पढ़ रहे छात्रों के भाई-बहनों और पूर्व छात्रों के भाई-बहनों को तरजीह मिलेगी। उनका कहना है कि यह नीति स्कूल समुदाय को मजबूत और जुड़ा हुआ बनाने के लिए बनाई गई है। इसी तरह द्वारका के आईटीएल इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल सुधा आचार्य ने भी भाई-बहनों और पूर्व छात्रों के परिवारों को प्राथमिकता देने को स्कूल से बने पारिवारिक संबंधों का अहम हिस्सा बताया।

नर्सरी एडमिशन के लिए उम्र का मानदंड भी साफ कर दिया गया है। 2026-27 सत्र में नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 31 मार्च 2026 तक कम से कम तीन साल होनी चाहिए। केजी के लिए आवश्यक उम्र चार साल और कक्षा 1 के लिए पांच साल तय की गई है। स्कूल प्रमुख के विवेक से एक महीने की आयु-छूट दी जा सकती है।

एडमिशन प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरण भी तय कर दिए गए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), वंचित समूह (DG) और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) को छोड़कर अन्य सभी प्रवेश मानदंड और स्कोर 28 नवंबर तक अपलोड करने होंगी। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 27 दिसंबर तय की गई है। 9 जनवरी को सभी आवेदकों का विवरण अपलोड किया जाएगा और 16 जनवरी तक अंक-आधारित प्रणाली में हर बच्चे को दिए गए अंक सार्वजनिक किए जाएंगे।

पहली वेटिंग लिस्ट 23 जनवरी को आएगी और दूसरी लिस्ट 9 फरवरी को जारी होगी। अभिभावकों को 24 जनवरी से 3 फरवरी तक अपने बच्चे को मिले अंकों पर स्पष्टीकरण मांगने का अवसर मिलेगा। पूरी प्रवेश प्रक्रिया 19 मार्च को समाप्त होगी और इसकी निगरानी जिला-स्तरीय प्रकोष्ठ द्वारा की जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी स्कूल पहले से समाप्त किए गए मानदंडों को लागू नहीं कर सकता। साथ ही, सभी स्कूलों को दिव्यांग अधिकार अधिनियम का पालन करना अनिवार्य है।

लॉटरी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने आदेश दिया है कि सभी स्कूल अपनी वेबसाइटों पर अंकों का स्पष्ट विवरण अपलोड करें और खुली सीटों पर चुने गए छात्रों की पूरी जानकारी भी उपलब्ध कराएं। साथ ही यह अनिवार्य किया गया है कि लॉटरी अभिभावकों की मौजूदगी में निकाली जाए और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए। पंजीकरण शुल्क केवल 25 रुपये रखा गया है और किसी भी अभिभावक को प्रॉस्पेक्टस खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

इस बार दिल्ली की नर्सरी एडमिशन प्रक्रिया पहले से अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और अभिभावक-मैत्री बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

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